हनुमानगढ़। जंक्शन सेक्टर-6 स्थित शिव शक्ति सिद्ध पीठ कमल कल्याण आश्रम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन श्रद्धा, भक्ति और आध्यात्मिक वातावरण के बीच भव्य रूप से संपन्न हो रहा है। इस सात दिवसीय कथा महोत्सव के तीसरे दिन का शुभारंभ मुख्य यजमान मनोज बंसल द्वारा विधिवत पूजा-अर्चना के साथ किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन कथा स्थल पर उपस्थित होकर भक्ति रस में सराबोर हुए। कथावाचक आचार्य भानुदेव ओझा ने प्रवचन की शुरुआत गुरु वंदना के साथ की। उन्होंने अपने प्रवचनों में भक्त प्रह्लाद की जीवनगाथा का वर्णन करते हुए कहा कि प्रह्लाद ने अपनी माता कयाधु के गर्भ में ही नारायण नाम का मंत्र श्रवण किया था। केवल नामस्मरण के प्रभाव से उनके जीवन के अनेक कष्ट दूर हो गए थे।
उन्होंने कहा कि बचपन में प्राप्त धर्म व आध्यात्म का ज्ञान जीवनभर व्यक्ति के आचरण और विचारों का आधार बनता है। इसीलिए बच्चों को अच्छे संस्कार व धार्मिक शिक्षा देना अत्यंत आवश्यक है। आचार्य ओझा ने भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न लीलाओं का भी विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ध्रुव जी को मात्र पांच वर्ष की आयु में भगवान का साक्षात्कार हुआ और वे 36 हजार वर्षों तक राज्य सुख भोगने का वरदान प्राप्त कर सके। यह सब उनके दृढ़ संकल्प, तप और श्रेष्ठ संस्कारों का परिणाम था। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं को जीवन में माता-पिता की सेवा, समाज में प्रेम व सद्भाव से रहने की प्रेरणा दी और कहा कि यही धर्म का मूल तत्व है। कार्यक्रम के दौरान संकीर्तन मंडली की सदस्यों ने मनमोहक भजनों की प्रस्तुति दी। मंडली द्वारा प्रस्तुत प्रभु महिमा के भजनों पर उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर होकर झूम उठे और वातावरण भक्ति रस में सराबोर हो गया।आयोजन समिति के सदस्य भवानी शंकर शर्मा ने जानकारी दी कि श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन प्रतिदिन शाम 4 बजे से 7 बजे तक किया जा रहा है। उन्होंने समस्त क्षेत्रवासियों से अनुरोध किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में कथा स्थल पर उपस्थित होकर इस पुण्य अवसर का लाभ उठाएं एवं भगवान की दिव्य कथाओं का श्रवण कर आत्मिक शांति प्राप्त करें।
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