‘संविधान बचाओ रैली’ में मोदी सरकार की विफलताएं उजागर करेंगे कांग्रेस नेता

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हनुमानगढ़। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार जिला स्तरीय व विधानसभा स्तरीय रैली की तैयारियों को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी के जिले के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की मई माह की मासिक बैठक अध्यक्ष सुरेन्द्र दादरी की अध्यक्षता में जंक्शन स्थित सर्किट हाउस में हुई। बैठक में आगामी 14 मई को रावतसर के अग्रसेन भवन में होने वाली जिला स्तरीय ‘संविधान बचाओ रैली’ के आयोजन की रूपरेखा, कार्ययोजना, प्रचार-प्रसार, तैयारियों पर चर्चा कर रैली को सफल बनाने के लिए चर्चा की गई। डीसीसी प्रवक्ता नवनीत संधू ने जानकारी देते हुए बताया कि बैठक की शुरुआत में कांग्रेसजनों ने राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पूर्व अध्यक्ष डॉ. गिरजा व्यास के चित्र पर पुष्प अर्पित कर व दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। वक्ताओं ने कहा कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास के आकस्मिक निधन से कांग्रेस परिवार अत्यंत मर्माहत है। उनका जाना हम सभी के लिए अपूर्णीय क्षति है।
बैठक को संबोधित करते हुए डीसीसी अध्यक्ष सुरेन्द्र दादरी ने बताया कि एआईसीसी महासचिवों, प्रभारी और अग्रिम संगठनों के प्रमुखों की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार संविधान बचाओ अभियान को ऐतिहासिक 40 दिवसीय राष्ट्रीय आन्दोलन के माध्यम से पूर्ण समर्पित भाव से आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई गई है। इस अभियान के पहले चरण में 28 अप्रैल को जयपुर में राज्य स्तरीय संविधान बचाओ रैली आयोजित हुई। अगले चरण में अभियान को प्रत्येक जिले तक विस्तारित करते हुए डीसीसी की ओर से जिला स्तरीय रैलियां आयोजित की जा रही हैं। इन रैलियों में मोदी सरकार की दैनिक विफलताओं, बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, लघु एवं मध्यम उद्योगों का पतन, ग्रामीण संकट और कल्याणकारी नीतियों को जान-बूझकर कमजोर करने के षड्यंत्र को उजागर किया जाएगा। इन रैलियों में युवाओं, महिलाओं, किसानों, मजदूरों और वंचित समुदायों का व्यापक जुड़ाव सुनिश्चित किया जाएगा।
चूरू सांसद राहुल कस्वां व श्रीगंगानगर सांसद कुलदीप इन्दौरा ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से निरंतर दबाव के बाद, मोदी सरकार जो लम्बे समय से जाति जनगणना की इस मांग का उपहास उड़ाती रही थी और टालती रही थी अब अंतत: एक न्यायसंगत और लोकतांत्रिक जाति-आधारित जनगणना की मांग को स्वीकार करने के लिए बाध्य हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने इस विषय पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर यह मांग दोहराई थी। राहुल गांधी इस मुद्दे पर सबसे मुखर और दृढ़ आवाज रहे हैं, जिन्होंने बार-बार कहा है कि सामाजिक न्याय के लिए जाति जनगणना आवश्यक है। जातिय जनगणना की घोषणा राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खडग़े और कांग्रेस के दबाव में हुई है।
इस मुद्दे को जनता के बीच में लेकर जाएंगे। पीलीबंगा विधायक विनोद गोठवाल व संगरिया विधायक अभिमन्यू पूनिया ने बताया कि जिला स्तरीय रैली में ओबीसी, दलित और आदिवासी समुदायों को निजी शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 15 (5) को तत्काल लागू करने, जाति जनगणना में किसी भी प्रकार की देरी, बहानेबाजी या प्रशासनिक टालमटोल नहीं करने, यह प्रक्रिया पारदर्शी, समयबद्ध हो, जिसमें संसद में तत्काल बहस और पूर्ण बजटीय प्रावधान शामिल हो, प्रश्नावली, गणना, वर्गीकरण और डेटा प्रकाशन की प्रक्रिया समावेशी और सहभागी हो, नवीनतम जातीय आंकड़ों का उपयोग आरक्षण, शिक्षा, रोजगार और लक्षित कल्याण नीतियों की समीक्षा और मजबूती के लिए करने की मांग प्रमुखता से उठाई जाएगी। जिला प्रमुख कविता मेघवाल ने बताया कि जिला स्तरीय रैली के माध्यम से बीजेपी की बहुजन विरोधी सोच, जाति गणना के विरोध और सामाजिक न्याय को दबाने के प्रयासों को उजागर किया जाएगा। यह पूरा अभियान एकजुट, स्पष्ट और दृढ़ सम्प्रेषण राजनीति के तहत चलाया जाएगा ताकि सामाजिक न्याय के लिए पार्टी की प्रतिबद्धता को उच्च स्तर पर उजागर किया जा सके। पूर्व प्रधान दयाराम जाखड़ ने धन्यवाद ज्ञापित किया। बैठक का संचालन संगठन महामंत्री गुरमीत चन्दड़ा ने किया।

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