डॉ. अजीत दफ्तरी का सम्मान महावीर इंटरनेशनल भवन में किया

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हनुमानगढ़ | महावीर इंटरनेशनल ,हनुमानगढ़ केंद्र की ओर से संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा में 371वीं रैंक प्राप्त करने वाले डॉ. अजीत दफ्तरी का सम्मान रविवार को महावीर इंटरनेशनल भवन में किया गया।सकल जैन समाज के अध्यक्ष डॉ  पारस जैन,तेरापंथ सभा हनुमानगढ़ टाउन के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र बैद,पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र कोठारी, महावीर इंटरनेशनल के अध्यक्ष गौरव जैन, महावीर इंटरनेशनल वीरा ग्रुप की अध्यक्ष कंचन गुप्ता, कोषाध्यक्ष दीपक गोयल  ,जयपाल जैन के नेतृत्व में बधाई दी एवं सम्मान किया। इस अवसर पर महावीर इंटरनेशनल वीरा ग्रुप की अध्यक्ष कंचन गुप्ता ने बताया कि अजीत दफ्तरी के चयन से न केवल जैन महासभा अपितु हनुमानगढ़ के युवाओं में खुशी का माहौल है। उनके परिवार के संस्कारों एवं गुरू भक्ति के समर्पण व अजीत की मेहनत के परिणाम रूप यह गौरव का क्षण देखने को मिला है। अध्यक्ष गौरव जैन ने कहा कि डॉ. अजीत दफ्तरी से समाज के युवाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए।

आज दफ्तरी परिवार द्वारा समाज कल्याण के उद्देश्य किये जाने वाले कार्यों की सीख के बदौलत आपके परिवार के संस्कारों से आज जैन समाज गौरवान्वित है। आज दफ्तरी परिवार के बेटे ने यह संदेश दिया है कि यदि मेहनत, लगन और संघर्ष की भावना हो तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं होता। “अजीत ने हमेशा अपने नाम के अनुरूप हर क्षेत्र में सफलता हासिल की है, चाहे वह यूपीएससी हो या एमबीबीएस। वह न केवल अपने परिवार का, बल्कि हनुमानगढ़ जिले और विद्यालय का नाम भी रोशन कर रहे हैं। जैन ने कहा कि दफ्तरी की सफलता का राज उनकी शिक्षा के प्रति गहरी रुचि और मेहनत में छिपा है। उन्होंने बचपन से ही शिक्षा के प्रति अपनी लगन को प्रदर्शित किया और इसी कारण वह आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं।” इस मौके पर कार्यक्रम में शांतिलाल बैध,जयपाल जैन,प्रवीण जैन,पंकज दफ्तरी,प्रेम दफ्तरी,हरीश दफ्तरी,मधु दफ्तरी,रचना अग्रवाल,ऋषभ चौरडिया ,रमन गुप्ता ने शिरकत की।वही डॉ. अजीत दफ्तरी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, परिवार और गुरूजनों को दिया। उन्होंने कहा, “मेरे परिवार में कोई भी सिविल सर्विस में नहीं था, और मैं पहला व्यक्ति हूं जिसने सिविल सर्विस में सफलता हासिल की है।

इसके पीछे सबसे बड़ा कारण मेरे परिवार का निरंतर प्रोत्साहन और तनाव मुक्त माहौल था।”अजीत ने अपने युवा साथियों को सफलता का मंत्र भी दिया। उन्होंने कहा, “जीवन में कभी भी शॉर्टकट सफलता की ओर नहीं ले जाते। सफलता प्राप्त करने के लिए लगन, मेहनत, परिश्रम और ध्यान केंद्रित करना बेहद आवश्यक है। जो लोग शॉर्टकट की ओर दौड़ते हैं, वे केवल रास्ता पूरा करने की कोशिश करते हैं, न कि सफल होने की।”व्यापारी ऋषभ चौरडीया ने कहा, “अजीत बचपन से ही अपने परिवार के अन्य बच्चों में सबसे होशियार था। उसने अपनी मेहनत और लगन से न केवल यूपीएससी की परीक्षा को दूसरे प्रयास में पास किया, बल्कि इस दौरान अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई भी जयपुर से पूरी की।” चौरडीया ने कहा, “हमारा पूरा यकीन है कि अजीत की सफलता से प्रेरित होकर हनुमानगढ़ के अन्य युवा भी शिक्षा की ओर अग्रसर होंगे और बड़े एग्जाम्स क्लियर करेंगे।”

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