हनुमानगढ़ टाउन के गुरुद्वारा गुरुनानकसर प्रेमनगर टाउन में सिखों के पांचवें गुरु, शहीदों के सरताज श्री गुरु अर्जन देव जी के 418 वां शहीदी दिवस के उपलक्ष में एक मई से रखे गये लडीवार श्री सुखमणि साहब के पाठ के भोग डाले गए व हैडग्रंथी जोगिन्द्र सिंह ने अरदास कर क्षेत्र कि खुशहाली मांगी । उसके बाद किर्तणी दीवान सजाये गए । जिसमे कथावाचक भाई गुरप्रीत सिंह जी गंगानगरवाले ने अपने मुखार बिन्द से गुरु के इतिहास का वर्णन किया । उन्होने कहा कि गुरु अर्जन देव जी का शहीदी दिवस हर साल जेठ सुदी 4 को मनाया जाता है। गुरु अर्जन देव जी का जन्म 1563 में गोइंदवाल साहिब तरनतारन जिले में हुआ था। उनके नाना श्री गुरु अमरदास थे जो तीसरे सिख गुरु थे, और उनके पिता श्री गुरु रामदास थे, जो सिखों के चौथे गुरु थे। वे सिखों के पांचवें गुरु और सिख धर्म के पहले शहीद थे, जिन्हें मुगल बादशाह जहांगीर के आदेश पर शहीद कर दिया गया था। उनकी प्रमुख उपलब्धियों में सिख धर्मग्रंथ आदि ग्रंथ के पहले संस्करण का संकलन शामिल है, जिसे गुरु ग्रंथ साहिब के नाम से भी जाना जाता है। बाद में आदि ग्रंथ को हरमंदिर साहिब में रखा गया। कथावाचक ने आई हुई समूह साधसंगत को एकजुट रहते हुए गुरुओ की शिक्षा का अनुसरण करते हुए सच की राह पर चलने की बात कही । इस मौके पर प्रधान बलकरण सिंह ढिल्लों ने बताया कि गुरुद्वारा साहिब में सभी धर्माे के लोगो के लिये निःशुल्क पंजाबी सिखाने कि कोचिंग (कलासे ) चलाई जा रही है जो सांय 6 बजे से 7 बजे तक गुरु घर में आकर पंजाबी मास्टर जसवीन्द्र सिंह पटवारी जी से सीख सकते है, इस अवसर पर गुरूद्वारा प्रबन्ध कमेटी के प्रधान बलकरण सिंह ढिल्लो,उपप्रधान अमरजीत सिंह कोड़ा,सचिव दर्शन सिंह,कोषाध्यक्ष जगदीप सिंह,राजेन्द्र सिंह खालसा,नरेश छाबड़ा,राजवीन्द्र सिंह, जगदीश सिंह मूत्ती,हरजीन्द्र सिंह चन्दी,कमलजीत सिंह धन्जू,सतेन्द्र सिंह चन्दी व अन्य सेवादारो ने अपना सहयोग दिया। अंत में गुरू के प्रसाद घुधणीया ( उबले हुए चनो ) का लंगर व मिठे पानी का वितरण किये गये ।
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