हनुमानगढ़। जंक्शन के सेक्टर-6 स्थित शिव शक्ति सिद्ध पीठ कमल कल्याण आश्रम में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन श्रद्धा, भक्ति और आध्यात्मिक वातावरण के बीच भव्य रूप से संपन्न हो रहा है। यह सात दिवसीय कथा महोत्सव भक्तों के लिए भक्ति रस में डूबने का एक सशक्त माध्यम बन गया है। कथा महोत्सव के चौथे दिन की शुरुआत मुख्य यजमान मनोज बंसल द्वारा विधिवत पूजा-अर्चना के साथ की गई। कथा स्थल को सुंदर पुष्पों, दीपों और धार्मिक झंडियों से सजाया गया था, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित होकर कथा श्रवण कर रहे हैं। कथावाचक आचार्य भानुदेव ओझा ने श्रीमद्भागवत के चौथे दिवस पर भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की लीला का वर्णन करते हुए कहा कि जब भी पृथ्वी पर अधर्म और अन्याय बढ़ा है, तब-तब भगवान ने अवतार लेकर धर्म की स्थापना की है।
मथुरा के अत्याचारी राजा कंस से व्यथित होकर पृथ्वी की पुकार पर भगवान नारायण ने श्रीकृष्ण रूप में देवकी के गर्भ से जन्म लिया और धर्म की रक्षा कर कंस का अंत किया। कथा के दौरान जैसे ही कृष्ण जन्म का वर्णन हुआ, संपूर्ण पांडाल भक्ति उल्लास से गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने “कन्हैया लाल की जय” और “नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की” जैसे जयघोषों के साथ झूमकर भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का पर्व उत्साह से मनाया। भक्तों के चेहरे पर उल्लास और आंखों में भक्ति के भाव साफ नजर आए। कथा के पूर्व आचार्य ओझा ने कहा कि भागवत कथा सुनने का सौभाग्य जीवन में एक दुर्लभ अवसर होता है। उन्होंने कहा कि कथा सिर्फ सुनने के लिए नहीं, बल्कि जीवन में उसका अनुसरण कर परमार्थ के कार्य करने के लिए होती है। रामकथा का संक्षिप्त वर्णन करते हुए उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के राक्षसों से पृथ्वी को मुक्त करने के उद्देश्य से अवतरण की कथा भी सुनाई। आयोजन समिति के सदस्य भवानी शंकर शर्मा ने जानकारी दी कि यह कथा प्रतिदिन शाम 4 बजे से 7 बजे तक आयोजित की जा रही है। उन्होंने समस्त क्षेत्रवासियों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर इस धार्मिक आयोजन का लाभ उठाएं और आत्मिक शांति प्राप्त करें। कथा स्थल पर श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या यह दर्शा रही है कि लोगों में धर्म और आध्यात्मिकता के प्रति रुचि दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है।
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