अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) को प्रोस्टेट कैंसर हो गया है। यह अब हड्डियों तक फैल चुका है। बाइडेन के ऑफिस ने रविवार को बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है। जो बाइडेन के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, बाइडन प्रोस्टेट कैंसर के आक्रामक रूप से गुजर रहे हैं। उनकी हालिया रिपोर्ट में बताया गया कि कैंसर बाइडन की हड्डियों तक फैल चुका है। बताया जा रहा कि उनका परिवार डॉक्टरों के साथ उपचार के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।
2023 में हुआ था स्किन कैंसर
इससे पहले 2023 में जो बाइडेन को स्किन कैंसर हुआ था। व्हाइट हाउस के डॉक्टरों ने बताया कि उनकी छाती पर बेसल सेल कार्सिनोमा पाया गया था, जो एक सामान्य प्रकार का त्वचा कैंसर था। इस घाव को फरवरी में सर्जरी के दौरान हटा दिया गया था।
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के मुताबिक अमेरिका में, प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों को होने वाला सबसे आम कैंसर है और कैंसर से होने वाली मौतों की दूसरी प्रमुख वजह है।
क्या होता है प्रोस्टेट कैंसर
एक आंकड़े के मुताबिक, दुनिया भर में हर साल करीब 14 लाख लोग प्रोस्टेट कैंसर के शिकार होते हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक लंग्स और माउथ कैंसर के बाद पुरुषों पर सबसे ज्यादा प्रोस्टेट कैंसर का खतरा रहता है। 50 की उम्र के बाद इसका खतरा बढ़ जाता है। कई मामलों में इससे कम उम्र के मरीज भी सामने आए हैं।
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कई केस ऐसे भी हैं जब तक इसका पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। प्रोस्टेट कैंसर भीतर ही भीतर बढ़ते हुए ब्लैडर, लिवर, फेफड़ों और पेट जैसे अंगों में भी फैल जाता है। खून के साथ कैंसर की कोशिकाएं हड्डियों तक पहुंच जाती हैं, जिससे हड्डियों में बेतहाशा दर्द रहने लगता है, वह टूटने लगती हैं।
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प्रोस्टेट कैंसर की वजह से संबंध बनाने से लेकर हमेशा के लिए पिता बनने की क्षमता तक खत्म हो सकती है। बीमारी ही नहीं, इसके इलाज के भी साइड इफेक्ट्स से जूझना पड़ सकता है। प्रोस्टेट कैंसर में यूज होने वाली हॉर्मोन थेरेपी से टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन बनने बंद हो सकते हैं और इरेक्टाइल डिसफंक्शन का सामना करना पड़ सकता है।
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रेडिएशन थेरेपी का भी पुरुषों के रिप्रोडक्टिव हेल्थ यानी पिता बनने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। जान बचाने के लिए प्रोस्टेट ग्लैंड ही निकालनी पड़ सकती है। इसीलिए अगर मरीज की उम्र कम हो, तो सर्जरी से पहले डॉक्टर मरीज को स्पर्म फ्रीज कराने की सलाह देते हैं, ताकि आईवीएफ जैसी सुविधा के जरिए व्यक्ति पिता बन सके।