राजस्थान: भारत में अद्भुत मंदिरों, गुफाओं और अनूठी विरासतें ही है जो उसे दुनियाभर में एक पहचान दिलाता। विदेशी चाहे भी तो खुद को भारत की खूबसूरती देखने से रोक नहीं पाएंगे। आप एलोरा गुफाएं खजुराहों के मंदिर के बारें में तो पहले से ही जानते हैं। लेकिन आइए आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताते हैं। संगमरमर का यह मंदिर अपनी स्थापत्य कला के साथ नक्काशी और विशेष रूप से अपने तकरीबन 1444 खंभों पर टिके होने के कारण पूरी दुनिया में आश्चर्य है।
जी हां यदि आप पर्यटन के लिहाज से राजस्थान घूमने आए हैं तो आपको रणकपुर के मंदिरों को जरूर देखना चाहिए। दुनिया भर से लोग इसे देखने पहुंचते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि ये विशाल मंदिर उस दौर में बनाया गया, जहां ना तो मशीनें थीं और ना ही इंजीनियरिंग। देखिए इस मंदिर की कुछ तस्वीरें…
राजस्थान के रणकपुर में स्थित ये जैन मंदिर जैन धर्म के पांच प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। यह मंदिर बेहद खूबसूरती से तराशे गए हैं। इन मंदिरों की खासियत यह है कि ये तकरीबन 1444 खंभों पर टिका हुआ है और पूरी तरह से संगमरमर के बना है।
इन मंदिरों की स्थापत्य कला का दुनिया में कोई सानी नहीं। इन मंदिरों का निर्माण 15वीं शताब्दी में राणा कुंभा के शासनकाल में हुआ था। इन्हीं के नाम पर इस जगह का नाम रणकपुर पड़ा। इस मंदिर में चार कलात्मक प्रवेश द्वार हैं.।मंदिर के मुख्य गृह में तीर्थंकर आदिनाथ की संगमरमर से बनी चार विशाल मूर्तियां हैं।
मंदिर की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता इसके सैकड़ों खम्भे हैं। जानकारों के मुताबिक इन खंभों की संख्या तकरीबन 1444 है जो पूरी की पूरी 1500 हो जाती है। खास बात यह है कि इन सभी खंभों से जहां से भी आपकी दृष्टि जाती है, वहीं से मुख्य मूर्ति के आपको दर्शन होंगे। यह एक तरह से जादू की तरह से लगता है। इन खंभों पर शानदार नक्काशी की गई है।
मंदिर में 76 छोटे गुम्बदनुमा पवित्र स्थान, चार बड़े प्रार्थना कक्ष तथा चार बड़े पूजन स्थल हैं। ये मनुष्य को जीवन-मृत्यु की 84 योनियों से मुक्ति प्राप्त कर मोक्ष प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं।
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