करौली में फिर भड़की हिंसा, भीड़ ने फूंके दलित MLA और पूर्व MLA के घर

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राजस्थान: SC/ST एक्ट में बदलाव को लेकर देश भर के अलग-अलग राज्यों में सोमवार को हुई हिंसा अभी रूकने का नाम नहीं ले रही है। बीते सोमवार को एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के खिलाफ दलितों का जो विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था, वो शाम होते-होते भीषण हिंसा में तब्दील हो गया। इस हिंसा की आग मंगलवार को भी देखने को मिली।

खबर है राजस्थान के करौली में उपद्रवियों ने आज दो दलित नेताओं के घर फूंक दिए हैं। इसमें एक भाजपा विधायक राजकुमरी जाटव और दूसरे कांग्रेस के पूर्व विधायक भरोसी लाल जाटव हैं। ये ही नहीं उपद्रवियों ने एक मॉल को भी आग के हवाले कर दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तनावपूर्ण स्थितियों का देखते हुए कई राजस्थान के कई जिलों में धारा 144 लगाई गई है।इसके बावजूद करौली में करीब 40 हजार लोग इकट्ठा हुए थे। धारा 144 होने बाद भी करौली में उपद्रवियों की भीड़ इतनी भारी संख्या में इकट्ठा कैसे हुई इस बात को लेकर पुलिस की नाकामी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। इस घटना में पुलिस प्रशासन की बड़ी चूक मानी जा रही है। वहीं राजस्थान सरकार पर भी सवाल उठ रहे हैं। तनावपूर्ण स्थिति के बाद भी उचित इंतजाम नहीं हुए।

करौली में जमकर हुई थी लूटपाट 
इससे पहले सोमवार को करौली के हिंडौनसिटी में बंद के दौरान भारी उत्पात की खबर थी। बंद समर्थकों ने बाजारों में जमकर लूटपाट और मारपीट की थी। इससे पूरे शहर में दहशत और भय का माहौल व्याप्त हो गया। भीड़ ने प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर भी पथराव किया। उपद्रवियों ने कई एटीएम मशीन में भी तोड़फोड़ कर दी थी।

बता दें कि सोमवार (2 अप्रैल) को एससी एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के बदलाव वाले फैसले के खिलाफ दलित संगठनों ने भारत बंद बुलाया था। जिसके तहत देश के अलग-अलग हिस्सों में दलितों ने धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई जगह ट्रेन रोकी, सड़कें जाम की। साथ ही राजस्थान, मध्यप्रदेश, यूपी, बिहार और पंजाब के कई शहरों से हिंसा की भी खबरें आईं। इस हिंसा में 14 लोगों की मौत की खबर के साथ कई लोगों के घायल होने की भी खबर है। वहीं आज संसद में गृहमंत्री ने दलितों के कानून को और मजबूत करने की बात कही है। उन्होंने कहा हिंसा के पीछे कई राजनीतिक दलों का हाथ हो सकता है।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई-
SC/ST ऐक्ट को लेकर सरकार की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों से जवाब मांगा है और इस मामले की सुनवाई अब 10 दिनों के बाद होगी। सरकार ने आज ओपन कोर्ट में सुनवाई की मांग की थी जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया था। जस्टिस गोयल और जस्टिस ललित की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की।

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