कांग्रेस की ‘फासीवादी प्रवृत्ति’ उजागर करती ये किताब, चर्चा में आया 1982 का सबसे अहम किस्सा

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देश में लोकसभा चुनावों का दौर है। ऐसे में प्रसार भारती के चेयरमैन ए सूर्य प्रकाश ने कांग्रेस की ‘फासीवादी प्रवृत्ति’ नाम से एक किताब लॉन्च की है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक प्रभात प्रकाशन इस किताब को प्रकाशित किया है। यह किताब लगभग 56 पेजों की बताई जा रही है।

किताब लॉन्च होते ही चर्चा में आ गई है। दरअसल किताब में कांग्रेस पार्टी से जुड़े कई किस्से हैं। इनमें से एक किस्सा 1982 का है। उस समय (पूर्व राष्ट्रपति) ज्ञानी जैल सिंह देश के गृह मंत्री थे। सूर्य प्रकाश की किताब के मुताबिक जैल सिंह ने तब लोकसभा में अडॉल्फ हिटलर और बेनितो मुसोलिनी की प्रशंसा की थी।

किताब की मानें तो सिंह के उस बयान को पीठासीन अधिकारी ने हटा दिया थाष बाद में जैल सिंह ने भी उसे वापस ले लिया था। सूर्य प्रकाश उस समय इंडियन एक्सप्रेस में पत्रकार थे। उन्होंने लोकसभा उपाध्यक्ष द्वारा बयान को हटाने के बाद भी उस घटना की रिपोर्ट की थी।

किताब में सूर्य प्रकाश लिखते हैं, ‘न तो इंदिरा गांधी और न ही किसी और ने हिटलर और मुसोलिनी के प्रति गृह मंत्री के मोह पर नाराजगी जताई। बजाय इसके, दो महीने बाद इंदिरा गांधी ने जैल सिंह को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना दिया।’ सूर्य प्रकाश ने इंदिरा गांधी और उनकी बहू सोनिया गांधी के बीच ‘वैचारिक अनुकूलता’ साबित करने के लिए सोनिया के पिता स्टेफनो माइनो का भी जिक्र किया है।

उनके मुताबिक कांग्रेस की वरिष्ठ नेता के पिता ‘मुसोलिनी के बड़े प्रशंसक और समर्थक थे’। उन्होंने लिखा है कि माइनो ने दूसरे विश्व युद्ध में हिटलर की संगठित सेना के साथ ‘रूस के खिलाफ युद्ध में भाग भी लिया था’। सूर्य प्रकाश का किताब को लोकसभा चुनावों में लॉन्च करने के पीछे मकसद जब जाना तो उन्होंने कहा, इस किताब का चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है और पहले यह किताब दिसंबर, 2018 में आनी थी। सूर्य प्रकाश ने कहा कि वे आपातकाल और मानवाधिकार उल्लंघन के प्रबल आलोचक रहे हैं और उन्हें अपने विचार रखने की पूरी आजादी है।

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