हनुमानगढ़। राजस्थान में सड़क निर्माण की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई सड़क गुणवत्ता निरीक्षण सगुनी यात्रा शनिवार को हनुमानगढ़ पहुंचकर शाम को संपन्न हुई। यह यात्रा 30 मार्च को श्रीगंगानगर के पॉलिटेक्निक कॉलेज से शुरू हुई थी और राज्य के 33 जिलों से होकर गुजरी। इस दौरान अब तक 20 हजार किलोमीटर लंबी कुल 5 हजार सड़कों का गहन निरीक्षण किया जा चुका है। किसी भी एक इकाई द्वारा इस तरह की उपलब्धी व राष्ट्रीय रिकार्ड के लिए विभाग का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में भी दर्ज किया गया है! यह यात्रा सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) एवं तकनीकी शिक्षा निदेशालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की जा रही है। इसका नेतृत्व पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता जसवंत खत्री द्वारा किया जा रहा है। अभियान का उद्देश्य सड़कों की गुणवत्ता का मूल्यांकन करते हुए दोष निवारण अवधि में संवेदकों द्वारा किए गए रखरखाव की जांच करना है। इस दौरान शनिवार को जंक्शन स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज में कार्यक्रम आयोजित हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सार्वजनिक निर्माण विभाग के गुण नियंत्रक जसवंत खत्री, बीकानेर संभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता अमरचंद बाकोलिया,चंडीगढ़ एनआईटीटीटीआर के निदेशक भोलाराम गुर्जर, राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी बाबूलाल बिकोनिया, बीकानेर गुण नियंत्रण अधीक्षण अभियंता सुनील गहलोत थे। इनके साथ राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य रमेश कुमार धानक, राजकीय पॉलिटेक महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य आनंद जैन, जयपुर गुण नियंत्रण के अधिशासी अभियंता वेद प्रकाश उपाध्याय व विभाग के सेवा निवृत्त अभियंताओं ने भी शिरकत की। पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता जसवंत खत्री ने बताया कि सड़कें किसी भी राज्य की आधारभूत संरचना की रीढ़ होती हैं। यदि निर्माण कार्य में गुणवत्ता से समझौता किया जाए, तो यह न केवल सरकारी धन की बर्बादी है बल्कि आम जनता की सुरक्षा और सुविधा पर भी सीधा असर डालता है। इसी सोच के साथ इस यात्रा का उद्देश्य रखा गया कि सड़कों की गुणवत्ता की जांच एक निष्पक्ष और तकनीकी दृष्टिकोण से हो। उन्होंने बताया कि सगुनी यात्रा के माध्यम से न केवल तकनीकी निरीक्षण हो रहा है, बल्कि अंतिम वर्ष के पॉलिटेक्निक छात्रों को भी सड़कों की जांच प्रक्रिया में भागीदार बनाया गया है!
सड़कों की गुणवत्ता जांचने के लिए 17 बिंदुओं पर आधारित एक विस्तृत मूल्यांकन प्रणाली अपनाई गई है!
मुख्य अभियंता श्री जसवंत खत्री ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि सगुनी यात्रा का उद्देश्य केवल तकनीकी निरीक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मकसद आमजन में सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाना भी है। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, इसमें नागरिकों की सक्रिय भागीदारी भी जरूरी है। क्वालिटी कन्ट्रोल बीकानेर के अधीक्षण अभियंता सुनील गहलोत द्वारा सड़क सुरक्षा नियमों की जानकारी दी गई तथा सड़क निर्माण की दोष दायित्व (Defect Liability) अवधि की विस्तृत जानकारी साझा की गई। इससे विद्यार्थियों को निरीक्षण के दौरान तकनीकी पक्षों को व्यावहारिक रूप में समझने में सहायता मिलेगी।
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