Nautapa: देश में 25 मई से 2 जून तक नौतपा, 9 दिन आसमान से बरसेगी आग, जानें इसके बारें सबकुछ

नौतपा के दिनों में सूर्य साधना, उपवास, सेवा और ध्यान के माध्यम से सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है। यह समय आत्मशुद्धि और तप का होता है।

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देश में 25 मई से 2 जून तक नौतपा (Nautapa) शुरू हो रहे हैं। इस दौरान भयंकर गर्मी पड़ती है। कई राज्यों में तापमान 48°C तक जाने की संभावना है। मौसम विभाग ने शनिवार को देश के 28 राज्यों में आंधी-बारिश का अलर्ट जारी किया है। इधर, पश्चिमी राजस्थान में गर्मी जारी है। 16 जिलों में 27 मई तक हीटवेव का रेड अलर्ट है। आज भी 11 जिलों में लू की चेतावनी है। राज्य के जैसलमेर में शुक्रवार को सबसे ज्यादा 48°C तापमान रहा था।

IMD वैज्ञानिक नरेश कुमार ने बताया कि उत्तर-पश्चिम भारत में अभी लगातार हीट वेव की स्थिति बनी हुई है। राजस्थान में अगले तीन दिन हीट वेव को लेकर रेड अलर्ट रहेगा। पंजाब, हरियाणा में अगले 3-4 दिन हीट वेव रहेगी। दिल्ली NCR में आज और कल हल्की बारिश की उम्मीद है।

आज कहीं-कहीं हवाओं की गति 40-50 किलोमीटर प्रति घंटा तक रह सकती है और कल 30-40 किलोमीटर प्रति घंटा की हवाओं की उम्मीद है जिसके लिए हमने आज दिल्ली NCR के लिए येलो अलर्ट दिया है।

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क्या है नौतपा? पौराणिक मान्यता के अनुसार
पौराणिक मान्यता के अनुसार नौतपा का संबंध भगवान सूर्य से है। इन दिनों में सूर्य की किरणें अत्यंत प्रखर होती हैं और यह काल रोगों, ताप और अग्नि तत्व को प्रभावित करता है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान जल का अधिक वाष्पीकरण होता है, जो आगे चलकर मानसून की वर्षा में सहायक बनता है। स्कंद पुराण और ब्रह्मवैवर्त पुराण जैसे ग्रंथों में सूर्योपासना को अत्यंत फलदायी बताया गया है। कई लोग इसे प्राकृतिक तपस्या का समय मानते हैं जब सूर्य देव स्वयं प्रकृति को शुद्ध करते हैं।

नौतपा में क्या करें?

  • हिंदू धर्म में नौतपा का विशेष महत्व है. इन दिनों सूर्य की आराधना करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और कुंडली के दोष भी दूर होते हैं।
  • प्रतिदिन प्रातः सूर्य को तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, अक्षत डालकर अर्घ्य दें।
  • नौतपा के 9 दिन सूर्य को अर्घ्य देते हुए ‘ॐ घृणि सूर्याय नमः’ या ‘ॐ सूर्य देवाय नमः’ मंत्र का जाप करें।
  • इस समय आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना भी अत्यंत फलदायक माना गया है. माना जाता है कि नौतपा में आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से मानसिक बल, आत्मविश्वास और रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
  • घर के बाहर प्याऊ लगवाएं या राहगीरों को जल पिलाएं।
  • अपने सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंदों को पानी, छाता या शीतल खाद्य सामग्री दान करें।
  • हल्का, सात्विक भोजन करें जिसमें दही, छाछ, लस्सी, बेल का शरबत, तरबूज और खीरा शामिल हों।

नौतपा में क्या न करें? 

  • मान्यताओं के अनुसार, इस समय विवाह जैसे मांगलिक कार्यों से बचना चाहिए और यात्राओं में सावधानी बरतनी चाहिए।
  • अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें, खासकर दोपहर में. इस समय सूर्य की किरणें सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं।
  • नौतपा के 9 दिन मांसाहार, शराब और तीखे खाद्य पदार्थों से परहेज करें, ये शरीर में गर्मी बढ़ाते हैं।
  • यह समय आत्मनियंत्रण और धैर्य का है. नकारात्मक भावनाएं मानसिक अशांति का कारण बन सकती हैं।
  • इसके अलावा, नौतपा के दौरान अगर कोई व्यक्ति आपके दरवाजे पर कुछ मांगने आए, तो उसे खाली हाथ न लौटाएं। अपने सामर्थ्य अनुसार कुछ न कुछ दान अवश्य करें. माना जाता है कि इसका शुभ फल आपको जरूर मिलता है।

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नौतपा में सूर्य की कृपा कैसे प्राप्त करें?
नौतपा के दिनों में सूर्य साधना, उपवास, सेवा और ध्यान के माध्यम से सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है। यह समय आत्मशुद्धि और तप का होता है। इन नौ दिनों में संयम, सेवा और साधना के मार्ग पर चलकर जीवन में ऊर्जा, तेज और सफलता प्राप्त की जा सकती है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Panchdoot  इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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