हनुमानगढ़। जहां एक ओर गर्मी की तपिश जीवन को सुस्त बनाने का प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर सैक्रेड हार्ट स्कूल, हनुमानगढ़ जंक्शन में बच्चों की उत्साहवर्धक गतिविधियाँ इस तपन को भी मात देती नजर आ रही हैं। विद्यालय में चल रहे सात दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर में बच्चों ने न केवल मनोरंजन बल्कि ज्ञानवर्धन और कौशल विकास की दिशा में भी सराहनीय उपलब्धियां प्राप्त की हैं।
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका नीना वर्मा ने शिविर के समापन अवसर पर कहा कि “ग्रीष्मावकाश केवल विश्राम का समय नहीं होता, यह स्वयं को विभिन्न कलाओं में दक्ष बनाने का श्रेष्ठ अवसर होता है। जब बच्चे अपनी सकारात्मक ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग करते हैं, तो उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होता है।”
यह सप्ताहव्यापी शिविर 17 मई से 24 मई 2025 तक प्रतिदिन सुबह 7:30 से 10:30 बजे तक आयोजित किया गया, जिसमें बच्चों को विविध गतिविधियों के माध्यम से सीखने का अवसर मिला। शिविर में बच्चों ने ब्रेन योग, माइंड एक्टिवेशन, आर्ट एंड क्राफ्ट, भाषण प्रतियोगिता, नृत्य, संगीत, वाटर फन एवं इनडोर गेम्स के माध्यम से अपनी प्रतिभा को निखारा। शिक्षकों के मार्गदर्शन में बच्चों ने इन गतिविधियों में न केवल भाग लिया, बल्कि उसे अपनाकर दूसरों को भी सिखाने का संकल्प लिया।
शिविर के दौरान बच्चों को स्थानीय स्थलों की सैर भी करवाई गई, जिसमें सरस डेरी, स्थानीय मंदिर एवं प्राकृतिक स्थल (पार्क) का भ्रमण शामिल रहा। इस प्रकार के शैक्षणिक और सांस्कृतिक भ्रमण से बच्चों में जिज्ञासा, अवलोकन क्षमता और सामाजिकता का विकास होता है।
शिविर के समापन पर बच्चों के चेहरों पर आत्मविश्वास, संतोष और नई सीख की चमक साफ झलक रही थी। शिक्षकों और अभिभावकों ने भी इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के शिविर न केवल बच्चों के समय का सदुपयोग करते हैं, बल्कि उन्हें जीवन कौशलों से भी जोड़ते हैं।
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका नीना वर्मा ने शिविर के समापन अवसर पर कहा कि “ग्रीष्मावकाश केवल विश्राम का समय नहीं होता, यह स्वयं को विभिन्न कलाओं में दक्ष बनाने का श्रेष्ठ अवसर होता है। जब बच्चे अपनी सकारात्मक ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग करते हैं, तो उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होता है।”
यह सप्ताहव्यापी शिविर 17 मई से 24 मई 2025 तक प्रतिदिन सुबह 7:30 से 10:30 बजे तक आयोजित किया गया, जिसमें बच्चों को विविध गतिविधियों के माध्यम से सीखने का अवसर मिला। शिविर में बच्चों ने ब्रेन योग, माइंड एक्टिवेशन, आर्ट एंड क्राफ्ट, भाषण प्रतियोगिता, नृत्य, संगीत, वाटर फन एवं इनडोर गेम्स के माध्यम से अपनी प्रतिभा को निखारा। शिक्षकों के मार्गदर्शन में बच्चों ने इन गतिविधियों में न केवल भाग लिया, बल्कि उसे अपनाकर दूसरों को भी सिखाने का संकल्प लिया।
शिविर के दौरान बच्चों को स्थानीय स्थलों की सैर भी करवाई गई, जिसमें सरस डेरी, स्थानीय मंदिर एवं प्राकृतिक स्थल (पार्क) का भ्रमण शामिल रहा। इस प्रकार के शैक्षणिक और सांस्कृतिक भ्रमण से बच्चों में जिज्ञासा, अवलोकन क्षमता और सामाजिकता का विकास होता है।
शिविर के समापन पर बच्चों के चेहरों पर आत्मविश्वास, संतोष और नई सीख की चमक साफ झलक रही थी। शिक्षकों और अभिभावकों ने भी इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के शिविर न केवल बच्चों के समय का सदुपयोग करते हैं, बल्कि उन्हें जीवन कौशलों से भी जोड़ते हैं।
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