हनुमानगढ़। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, हनुमानगढ़ जंक्शन के परिसर में नये दरबार साहिब जी के निर्माण कार्य का शुभारंभ रविवार को श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। इस ऐतिहासिक अवसर पर संत बाबा कश्मीर सिंह भूरी वाले श्री अमृतसर साहिब, विधायक गणेशराज बंसल, एसजीपीसी सदस्य जगसीर सिंह मंगेवाला, पूर्व विधायक गुरदीप सिंह शाहपीनी, निवर्तमान सभापति सुमित रणवां, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान नक्षत्र सिंह, सभापति देवेन्द्र सिंह खिंडा, पूर्व प्रधान इन्द्र सिंह मक्कासर, बलकरण सिंह, कश्मीरा सिंह, राजेन्द्र सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने विधिवत रूप से नींव पत्थर रखकर इस महत्त्वाकांक्षी व धार्मिक कार्य की शुरुआत की।
निर्माण कार्य की विधिवत शुरुआत से पूर्व गुरूद्वारा साहिब में खुले दीवान सजाये गये, जिसमें भारी संख्या में संगत ने भाग लिया। दीवान में गुरबाणी कीर्तन की रसपूर्ण अमृतवाणी से वातावरण भक्तिमय हो गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन गुरुद्वारा परिसर में पहुँचे और गुरु चरणों में मत्था टेककर आशीर्वाद प्राप्त किया। दीवान के पश्चात हैड़ ग्रंथी भाई प्रीतम सिंह ने सरबत के भले की अरदास की गई, जिसमें समस्त मानव जाति की खुशहाली और इस नव निर्माण कार्य की सफलता की कामना की गई। इसके उपरांत संत महापुरुषों और जनप्रतिनिधियों द्वारा विधिवत नींव पत्थर स्थापित किया गया।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान नक्षत्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि इस नवनिर्मित दरबार साहिब हॉल का निर्माण समूची साध संगत के सहयोग से किया जाएगा। इस भवन को आकर्षक और आधुनिक स्वरूप देने के लिए विशेष 3 डी नक्शा भी तैयार करवाया गया है।
नक्शे के अनुसार, नये भवन में एक अंडरग्राउंड हॉल का भी निर्माण प्रस्तावित है, जिससे संगत को और अधिक सुविधाएं प्राप्त होंगी। भवन का डिज़ाइन इस प्रकार तैयार किया गया है कि यह परंपरागत सिख स्थापत्य कला के साथ आधुनिक वास्तुशिल्प का सुंदर समावेश प्रस्तुत करेगा। प्रधान नक्षत्र सिंह ने कहा कि इस परियोजना के सफल निर्माण हेतु संगत का सहयोग अपेक्षित है और उन्होंने अपील की कि अधिकाधिक श्रद्धालु तन-मन-धन से इस सेवा में भाग लें। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों से आये श्रद्धालुओं ने अपनी ओर से यथासंभव सहयोग का आश्वासन दिया। समारोह में उपस्थित संत बाबा कश्मीर सिंह भूरी वाले ने अपने प्रवचनों में संगत को सेवा भाव से जुड़ने का संदेश दिया और कहा कि गुरुद्वारों का निर्माण केवल ईंट-पत्थर का कार्य नहीं, बल्कि यह आत्मिक ऊर्जा के केंद्रों का सृजन है, जहाँ से मानवता को शांति, प्रेम और एकता का संदेश प्राप्त होता है। उन्होंने संगत को एकजुट होकर इस नेक कार्य में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। समारोह के अंत में गुरु का अटूट लंगर वितरित किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने अटूट लंगर ग्रहण किया। समूचे आयोजन में संगत में विशेष उत्साह और श्रद्धा का वातावरण देखने को मिला। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने समस्त संगत और सहयोगियों का धन्यवाद ज्ञापित किया और आश्वासन दिया कि निर्माण कार्य समयबद्ध और पारदर्शी ढंग से संपन्न किया जाएगा।
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