पासपोर्ट का मुद्दा हो या फिर किसी देश में लड़ाई की वजह से वहां फंसे भारतीयों को निकालना हो, हर मामले में सुषमा स्वराज (Sushma Sawraj) ने अपने काम को बाखूबी अंजाम दिया था। एक सर्वे के मुताबिक, सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले दुनिया के शीर्ष 10 नेताओं में वह अकेली महिला थी। जिनपर देश-विदेश के कोने में बैठे लोग उनसे कभी भी मदद मांगते और सुषमा तुरंत उनकी मदद के लिए हाजिर हो जाती थी। एक नजर सुषमा स्वराज के ट्वीट (Tweet) पर…
जब एक खोए बेटे को मां से मिलाया-
भारतीय मूल के माता-पिता से उनका बेटा छिन लिया गया था। जिसके बाद सुषमा तुरंत एक्शन लेते हुए उनके बेटे को ढूंढ निकाला। यह घटना नार्वे की है।
लेखिका शोभा डे ने दी सुषमा का सलाह, यूजर्स ने लताड़ा-
शोभा ने सुषमा स्वराज के लिए ट्वीट पर लिखा ‘सुषमा स्वराज : 2017 का वादा – शांत रहें और ट्वीट न करें’ इसके बाद लेखिका को सोशल यूजर्स ने खूब लताड़ा और बदले में लिखा…किसी दिन शोभा डे को एयरपोर्ट पर हिरासत में ले लिया जाएगा और स्वराज को मदद के लिए ट्वीट ही करेंगीं।
जब अमेजॉन कनाडा से हटे तिरंगे वाले डोरमैट-
सुषमा स्वराज को ट्विटर पर एक भारतीय ने जानकारी दी कि अमेजॉन कनाडा पर तिरंगे वाले डोरमैट और अमेजॉन यूएस में महात्मा गांधी की छवि वाले चप्पल भी बेच रहा है। इस ट्वीट के वायरल होने के बाद सुषमा स्वराज ने अमेजन को ट्वीट करते हुए लिखा, भारतीय ध्वज की थीम वाले पायदानों को वह अपनी वेबसाइट से तुरंत हटा दें और माफी मांगे, अन्यथा किसी भी अमेज़ॉन अधिकारी को भारत का वीजा नहीं दिया जाएगा।
जब सुषमा ने घर पहुंचाया विकलांग बेटियों के लिए पासपोर्ट-
40 साल से अपनी विकलांग बेटियों का ख्याल रख रही है एक मां ने अपनी बच्चियों की मदद के लिए सुषमा से गुहार लगाई, उन्होंने सुषमा को खत लिखा, 40 साल से मैं अपनी विकलांग बच्चियों की देखरेख कर रही हूं लेकिन अब मैं खुद 70 साल की हो गई हो। सुब्बालक्ष्मी ने चिट्ठी के जरिए बताया कि उनकी छोटी बेटी 90 प्रतिशत विकलांग और बड़ी बेटी 72 प्रतिशत विकलांग है। ऐसे में अब वह उन्हें अमेरिका अपने बेटों के पास भेजना चाहती है लेकिन विकलांग होने की वजह से उनकी दोनों बेटियां अभी तक पासपोर्ट के लिए आवेदन नहीं कर पाई हैं क्योंकि पासपोर्ट का ऑफिस उनके घर से 110 किलोमीटर दूर है। सुषमा ने इस खत का जवाब ट्विटर पर दिया, आपकी बेटियों की कहीं जाने के लिए जरूरत नहीं है, आज आपके घर पासपोर्ट पहुंच जाएगा।
32 साल पाकिस्तान जेल में बंद चरवाहे की ली खबर-
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पिछले 32 सालों से पाकिस्तान की एक जेल में कैद एक भारतीय के बारे में वहां स्थित भारतीय उच्चायोग से रिपोर्ट मांगी है। जानकारी के अनुसार गाय चराते हुए युवक ने सीमा पार की थी।
जब एयरपोर्ट पर भारतीय महिला से कपड़े उतराने को कहा-
30 साल की भारतीय श्रुति बसप्पा बेंगलुरू से आइसलैंड हवाई यात्रा कर रही थी जब फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा जांच के दौरान उन्हें कपड़े उतारने के लिए कहा गया। हालांकि श्रुति के पति जो आइसलैंड से ही हैं, जब पत्नी के जोर देने पर कमरे में आए तो सुरक्षाकर्मियों ने उन दोनों को जाने दिया। इस घटना के बाद श्रुति ने फेसबुक लिखा ‘अगर हमारे साथ कोई यूरोपीय साथी हो तभी हम ब्राउन शक के घेरे से बाहर होते हैं?’ इस पोस्ट के वायरल होते ही विदेश मंत्री तुरंत हरकत में आई और जर्मनी के भारतीय वाणिज्य दूतावास से रिपोर्ट मांगी है।
जब एक बेटी को खुदखुशी से बचाया-
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के एक परिवार ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मदद की गुहार लगाई है। उनकी बेटी हुमैरा सउदी अरब की राजधानी रियाध के एक घर में नौकरी करती है। घर का मालिक हुमैरा का यौन शोषण कर रहा है। पीड़ित लड़की की बहनों ने विदेश मंत्री से मदद की गुहार लगाते हुए कहा है कि अगर उसे नहीं बचाया गया तो वह खुदकुशी कर लेगी।
15 भारतीयों की मौत की सजा उम्रकैद में तब्दील-
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने ट्विटर पर जानकारी दी कि कुवैत के अमीर ने कुवैती जेल में बंद 15 भारतीयों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। सुषमा ने इसी ट्वीट में आगे लिखा कि कुवैत के अमीरों ने 119 भारतीय नागरिकों की सजा को भी कम करने का निर्देश दिया। इसके बाद सोशल मीडिया पर उनके विदेशमंत्री की काफी तारीफ होने लगी।
गीता के परिवार से मिलाने के लिए सुषमा की मुहिम-
साल 2015 में सुषमा स्वराज गीता को पाकिस्तान से भारत लाने में सफल हो गई लेकिन उन्होंने एक और जिम्मेदारी अपने हाथों में। सुषमा ने एक वीडियो जारी कर गीता के अभिभावकों से अपील की वह कृपया आगे आएं और अपनी बेटी को ले जाएं। मैं आश्वासन देती हूं कि हम उसे आप पर बोझ नहीं बनने देंगे। खबर है कि गीता इंदौर के मूक-बधिर एनजीओ में रह रही है।
सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्री पद पर रहते हुए विदेशों में फंसे भारतीयों को सुरक्षित घर वापसी, इलाज के लिए वीजा उपलब्ध करवाना, पाकिस्तानी मां-पिता की मदद करना या कुलभूषण जाधव मामला, सरबजीत मामला आदि हो सुषमा स्वराज ने मदद करने में जरा सी भी देरी नहीं की। तभी आज उनके निधन की खबर सुनते ही आज उन सबकी आंखें नम है जिनकी सुषमा ने मदद की। सच में आप बहुत याद आएंगी।
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