हनुमानगढ़। व्यापार संघ, व्यापार मंडल, फ़ूडग्रेन व्यापार मंडल, खाद्य व्यापार संघ ने जीएसटी काउंसिल द्वारा आटा, गेहू, बेसन, चावल, गुड़ पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाए जाने के विरोध में प्रदेश के आह्वान पर मंडियों में काम बंद रखकर विरोध दर्ज करवाया। इस विरोध की तस्वीर जंक्शन धान मण्डी में भी देखने को मिली। व्यापार मंडल अध्यक्ष प्यारेलाल बंसल ने कहा कि आम जनता पहले ही महंगाई से बेहाल है। ऐसे में रसोई में रोजमर्रा उपयोग में आने वाली वस्तुएं पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाए जाने के फैसले से महंगाई में जबरदस्त इजाफा होगा। इससे आम जनता की कमर टूट जाएगी। साथ ही छोटे दुकानदारों को जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। गांव के छोटे किसान मंडियों व बाजारों अथवा साइकिल पर रखकर अपना कृषि जिंस बेचते हैं। उन्होंने ने कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी लागू करते समय यह विश्वास दिलाया था कि अनाज को जीएसटी से मुक्त रखा जाएगा। लेकिन खाद्यान्न वस्तुओं को जीएसटी थोपना वादा खिलाफी है। फूडग्रेन व्यापार मंडल अध्यक्ष महावीर सहारण ने इस निर्णय की कड़ी निंदा करते हुए, इस तरह के अतार्किक निर्णय के लिए राज्यों के वित्त मंत्रियों को जिम्मेदार ठहराया है।
उनका कहना है कि काउंसिल में यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया और सभी राज्यों के वित्त मंत्री काउंसिल के सदस्य हैं. इस निर्णय का देश के खाद्यान्न व्यापार पर अनुचित प्रभाव पड़ेगा और देश के लोगों पर आवश्यक वस्तुओं को खरीदने पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा। समस्त व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि आश्चर्यजनक रूप से भारत में पहली बार आवश्यक खाद्यान्नों को टैक्स के दायरे के तहत लिया गया है, जिसका न केवल व्यापार पर बुरा असर पड़ेगा बल्कि कृषि क्षेत्र पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इस फैसले से छोटे निर्माताओं और व्यापारियों की कीमत पर बड़े कॉरपोरेट घरानों को फायदा होगा। इस मौके पर व्यापार संघ अध्यक्ष राजकुमार हिसारिया, खाद्य व्यापार संघ के अध्यक्ष सुमित रिणवां, राजाराम सहारण, भोजराज, जतिन बलाडिया, जगननाथ जग्गा, अमृतलाल गुप्ता सहित अन्य व्यापारी व किसान मौजूद थे।
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