हैलोवीन का नाम सुनते ही सबसे पहले दिमाग में डरावनी तस्वीर उभरने लगती है. ये ईसाईयों का एक त्यौहार होता है

जिसे हर साल अक्टूबर के आखिरी रविवार को मनाते हैं. इस बार यह 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा

हैलोवीन को करीब 2000 साल पहले ‘आल सेट्स डे’ के नाम से उत्तरी यूरोप में मनाया जाता था

मान्‍यता है कि इस दिन मरे हुए लोगों की आत्माएं उठती हैं और धरती पर मौजूद जीवित आत्माओं को नुकसान पहुंचाने के लिए परेशानी पैदा करती हैं.

हैलोवीन में इन बुरी आत्माओं के डर को भगाने के लिए लोग डेविल बनते हैं और भूत जैसे कपड़े पहनते हैं. बुरी आत्माओं को भगाने के लिए हर जगह आग जलाकर उसमें जानवरों की हड्डियां फेंकी जाती हैं.

हैलोवीन को कई अलग अलग नाम से भी जाना जाता है. आल हेलोस ईव, आल हेलोस इवनिंग, आल हैलोव और आल सैंट्स ईव भी कहा जाता है.

हेलोवीन को ज्यादातर अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोपीय देशों में मनाया जाता है. लेकिन, इसकी शुरुआत आयरलैंड और स्कॉटलैंड से हुई थी.