हमास के इजरायल पर हमले के बाद इजरायल की तरफ से लगातार पलटवार किया जा रहा है

हमले में इजरायल की तरफ से खतरनाक व्हाइट फॉस्फोरस बम (What is Phosphorus Bomb) का इस्तेमाल किया गया है

क्या है फॉस्फोरस बम?

फॉस्फोरस एक केमिकल होता है, जिसकी खरीदारी पर तो कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन इससे तैयार बम को इस्तेमाल को लेकर नियम हैं. फॉस्फोरस मुलायम रवेदार केमिकल होता है.

यह ऑक्सीजन के संपर्क में आने पर तेजी से जलने लगता है. इसमें से लहसुन जैसी गंध आती है. यही वजह है कि इससे तैयार बम तेजी से आग को फैलाता है.

यह कितना खतरनाक है?

फॉस्फोरस का टेम्प्रेचर 800 डिग्री सेंटीग्रेट से ज्यादा होता है. जब इसका धमाका होता है, तो इसके कण बहुत दूर तक फैलते हैं. ये शरीर में पहुंचने या इनके संपर्क में आने वाले इंसान की जान भी जा सकती है.

इसका धुआं इंसान का दम घोंट देता है. यही वजह है कि इसके धुएं के गुबार में फंसे लोग दम तोड़ देते हैं. फॉस्फोरस स्किन के अंदरूनी टिश्यू को बुरी तरह से डैमेज कर देता है. यह अंदरूनी अंगों तक को नुकसान पहुंचा सकता है.

ऐसा माना जाता है कि सफेद फास्फोरस का इस्तेमाल पहली बार 19वीं शताब्दी में फेनियन (आयरिश राष्ट्रवादी) आगजनी करने वालों द्वारा किया गया था.

प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 1916 के अंत में ब्रिटिश सेना द्वारा पहला कारखाना-निर्मित सफेद फास्फोरस ग्रेनेड पेश किया गया था.