यूपी में हलाल प्रोडक्ट्स बैन, मचा बवाल, क्या सच में जुड़ा है आस्था का सवाल? जानें क्या है विवाद?

2022 के अप्रैल महीने में सुप्रीम कोर्ट में वकील विभोर आनंद की ओर से दायर याचिका में हलाल उत्पादों और हलाल प्रमाणीकरण पर बैन लगाने की मांग की गई थी। दावा किया गया था कि इन उत्पादों का उपयोग करने वाली 15% आबादी के लिए 85% नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है।

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यूपी की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए हलाल सर्टिफिकेट (halal certification Ban In Up) से जुड़े फूड प्रोडक्ट्स पर बैन लगा दिया है। सरकार का मानना है कि हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर अवैध कारोबार हो रहा है। यही नहीं, सर्टिफिकेशन से होने वाली अवैध कमाई से आतंकी संगठनों और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को फंडिंग की जा रही है।

दरअसल, लखनऊ के ऐशबाग के रहने वाले शैलेंद्र कुमार शर्मा ने हजरतगंज थाने में गुरुवार (16 नवंबर) को हलाल सर्टिफिकेट जारी करने वाली 4 कंपनियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। इनमें हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिंद ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई और जमीयत उलेमा मुंबई शामिल हैं। ये कंपनियां वेज फूड को भी सर्टिफाइड कर रही थीं।

4 कंपनियों के खिलाफ FIR में क्या लिखा?
शैलेंद्र कुमार का कहना है कि ये कंपनियां हलाल सर्टिफिकेट अलग-अलग प्रोडक्ट्स के लिए जारी कर रही हैं। इससे लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यूपी में हलाल सर्टिफिकेट देकर एक धर्म विशेष के ग्राहकों को धर्म के नाम पर कुछ उत्पादों की ब्रिकी बढ़ाने के लिए आर्थिक फायदा दिया जा रहा है।

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शैलेंद्र कुमार ने कहा कि जिन कंपनियों ने हलाल सर्टिफिकेट हासिल नहीं किया, उनके उत्पादन की बिक्री को घटाने की कोशिश की जा रही है, जो कि आपराधिक कृत्य है। आशंका है कि इस अनुचित फायदे को समाज और राष्ट्र विरोधी तत्वों को पहुंचाया जा रहा है।

शैलेंद्र कुमार के मुताबिक, शाकाहारी प्रोडक्ट्स जैसे तेल, साबुन, टूथपेस्ट, शहद आदि की बिक्री के लिए भी हलाल सर्टिफिकेट दिया जा रहा है, जबकि शाकाहारी वस्तुओं पर ऐसे किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होती।

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हलाल का मतलब क्या है?
हलाल एक अरबी शब्द है, जिसका मतलब है जायज (वैध)। हलाल बिजनेस कई तरह के हो सकते हैं। जैसे- खाना, दवाइयां, कॉस्मेटिक्स, कपड़े, टूरिज्म, अकाउंटिंग, बैंकिंग, फाइनेंस आदि।

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कौन देता है भारत में हलाल सर्टिफिकेट?
भारत में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया सर्टिफिकेशन (FSSAI) करीब सभी प्रोसेस्ड खाने पर देखा जा सकता है। यह अथॉरिटी भारत में हलाल सर्टिफिकेट नहीं देती। भारत में हलाल सर्टिफिकेट देने वाली महत्वपूर्ण कंपनियां हैं- हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, हलाल सर्टिफिकेशन सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जमात उलेमा-ए-महाराष्ट्र और जमात उलेमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट।

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क्यों है इस पर विवाद?
दरअसल, 2022 के अप्रैल महीने में सुप्रीम कोर्ट में वकील विभोर आनंद की ओर से दायर याचिका में हलाल उत्पादों और हलाल प्रमाणीकरण पर बैन लगाने की मांग की गई थी। दावा किया गया था कि इन उत्पादों का उपयोग करने वाली 15% आबादी के लिए 85% नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है।


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