COVID-19 के कारण इन भयानक बीमारियों के शिकार होंगे दुनिया के 8 करोड़ बच्चे- रिपोर्ट

कोरोनावायरस महामारी फैलने से पहले ही मीजल्स के मामले बढ़ रहे थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 2017 में मीजल्स के अनुमानित 75 लाख 85 हजार 900 मामले थे और 1 लाख 24 हजार मौतें हुईं थीं।

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विश्व डेस्क: कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर में चल रहे टीकाकरण कार्यक्रम जमकर प्रभावित हुए हैं। इस महामारी के चलते विश्व में 8 करोड़ बच्चे खतरनाक बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। कई एक्सपर्ट्स इस बात की चिंता जता रहे हैं कि, कोलेरा, रोटावायरस और डिप्थेरिया जैसी बीमारियों से होने वाली मौतें कोविड 19 के मुकाबले ज्यादा हो सकती हैं।

यह रिपोर्ट डब्ल्युएचओ, यूनिसेफ और गावी ने मिलकर तैयार की है। इस रिपोर्ट में 129 गरीब और मध्यम आय वाले देशों में सर्वे किया। इस सर्वे में उन्होंने पाया कि, 68 देशों में क्लीनिक और बड़े टीकाकरण अभियानों के जरिए वैक्सीन सेवाएं कुछ हद तक प्रभावित हुई हैं। मीजल्स कार्यक्रम को 27 देशों में सस्पेंड कर दिया गया है। जबकि, पाकिस्तान समेत 38 देशों में पोलियो प्रोग्राम रोक दिए गए हैं। (इंग्लिश में पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

कोरोना के कारण ढ़ेरों बीमारियों के शिकार होंगे बच्चे-
कोरोनावायरस महामारी फैलने से पहले ही मीजल्स के मामले बढ़ रहे थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 2017 में मीजल्स के अनुमानित 75 लाख 85 हजार 900 मामले थे और 1 लाख 24 हजार मौतें हुईं थीं। 2018 में अंतरराष्ट्री आंकड़ों को जोड़ने पर सामने आया कि, मीजल्स के अनुमानित 97 लाख 69 हजार 400 मामले थे, जबकि इससे जुड़ीं 1 लाख 42 हजार 300 मौतें हुईं थीं। 2019 में अमेरिका में मीजल्स के 1282 मामले आए थे। यह 25 साल में सबसे ज्यादा था।

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सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने इस हफ्ते बताया कि, टीकाकरण के मामले में मिशिगन के बच्चों के बीच कवरेज रेट 50 प्रतिशत से नीचे आ गया है। न्यूयॉर्क सिटी ने घोषणा की कि, महामारी के कारण हुए 6 हफ्ते के लॉकडाउन में बीते साल की तुलना में बच्चों को दिए जाने वाले डोज में 63 फीसदी की गिरावट हुई है।

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गावी के चीफ एग्जीक्यूटिव डॉक्टर सेठ बार्कले बताते हैं कि, हाल के कुछ वर्षों में विकासशील देशों ने कई बीमारियों के खिलाफ टीकाकरण में बढ़त हासिल की थी। ज्यादा देशों में ज्यादा बच्चे पहले से ज्यादा बीमारियों से बचे। लेकिन केविड 19 के कारण यह प्रगति पर अब मीजल्स और पोलियो के बढ़ने का खतरा मंडरा रहा है। 

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