Delhi Air Pollution: राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों नोएडा, गाजियाबाद में हवा और जहरीली हो गई है। अब यहां सांस लेना भी मुश्किल होता जा रहा है। SAFAR इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, शाम 5 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 402 दर्ज किया गया। भारतीय वैज्ञानिकों ने इसके और बढ़ने की आशंका जताई है।
राज्य में बढ़ते एयर पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए ग्रेडेड एक्शन रिस्पॉन्स सिस्टम (GRAP) का तीसरा चरण लागू कर दिया गया है। इसके तहत सभी गैर-जरूरी निर्माण और तोड़फोड़ के कामों पर रोक लगा दी गई है। BS-III पेट्रोल और BS-VI डीजल वाहनों की दिल्ली में एंट्री बैन कर दी गई है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि अगले 15 दिन राज्य के लिए बेहद अहम हैं। सरकार पॉल्यूशन कंट्रोल करने के लिए जरूरी कदम उठा रही है। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राज्य के सभी सरकारी और प्राइवेट प्राइमरी स्कूल को अगले 2 दिनों तक बंद रखने का आदेश दिया है।
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दिल्ली का कौन-सा इलाका इतना जहरीला
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सुबह आठ बजे के आसपास सफदरजंग वेधशाला में दृश्यता घटकर केवल 500 मीटर रह गई, दिन के दौरान जैसे-जैसे तापमान बढ़ता रहा दृश्यता 800 मीटर हुई । शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) दोपहर तीन बजे 378 तक पहुंच गया।
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बुधवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 364, मंगलवार को 359, सोमवार को 347, रविवार को 325, शनिवार को 304 और शुक्रवार को 261 था। पंजाबी बाग (439), द्वारका सेक्टर-8 (420), जहांगीरपुरी (403), रोहिणी (422), नरेला (422), वजीरपुर (406), बवाना (432), मुंडका (439), आनंद विहार (452) और न्यू मोती बाग (406) सहित शहर के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया।
क्यों दिल्ली बनी जहरीली
दिल्ली के आसपास के राज्यों में पराली जलाने को भी प्रदूषण बढ़ने का एक मुख्य कारण माना जा रहा है। हरियाणा, पंजाब समेत देश के उत्तरी हिस्सों में पराली जलाना अभी भी जारी है। इसके कारण दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और आस-पास के इलाकों में हवा में धुंध बढ़ रही है। इस साल अब तक 2500 से ज्यादा पराली जलाने के मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि खेत में आग लगने की संख्या पिछले दो सालों की तुलना में कम है।
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दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के एक विश्लेषण के अनुसार, राजधानी में एक नवंबर से 15 नवंबर तक प्रदूषण चरम पर होता है, क्योंकि इस समय पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामले बढ़ जाते हैं। पंजाब सरकार का लक्ष्य, इस साल सर्दियों में पराली जलाने के मामलों में 50 प्रतिशत तक कमी लाना है
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