दिल्ली: नोटबंदी के बाद से ही जन-धन खातों में पैसों की बाढ़ आ गई है। इस फैसले के बाद पहले दो हफ्तों में इन खातों में पैसों की मात्रा 60 प्रतिशत तक बढ़ गई थी और अब यह 72 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने अब एक अहम कदम उठाया है। आरबीआई ने इन खातों से पैसे निकालने की लिमिट तय कर दी है। अब हर महीने जन-धन खातों से कोई 10 हजार रुपये ही निकाल पाएगा। हालांकि, खास परिस्थितियों में इस सीमा से ज्यादा रकम भी निकाली जा सकेगी।
आरबीआई की तरफ से बुधवार को जारी निर्देश में कहा गया कि केवाईसी (नो योर कस्टमर) नियमों का पूरी तरह पालन करने वाले खाताधारक हर महीने अपने अकाउंट से 10 हजार रुपये निकाल सकेंगे। इसमें आगे कहा गया कि बैंकों के ब्रांच मैनेजर 10 हजार रुपये से ज्यादा की निकासी को मंजूरी दे सकते हैं, लेकिन दस्तावेजों की पूरी तरह पड़ताल करने और यह देखने के बाद ही कि खाताधारक को वास्तव में इससे ज्यादा पैसों की जरूरत है।
रिजर्व बैंक के निर्देश में यह भी कहा गया कि लिमिटेड या नॉन- केवाईसी के तहत आने वाले खाताधारक हर महीने अपने अकाउंट से पांच हजार रुपये ही निकाल पाएंगे। यह लिमिट 9 नवंबर 2016 के बाद पुरानी करंसी के रूप में जमा की गई रकम के लिए है। आरबीआई ने कहा कि इस कदम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत बैंक खाता रखने वाले किसानों और ग्रामीणों को मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों से बेनामी लेन-देन कानून के परिणामों से बचाया जा सके।