भारतीय राजनीति के वे 9 दिग्गज नेता जो एक साल में दुनिया को कह गए अलविदा

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नई दिल्ली: तीन बड़े नेता शीला दीक्षित (20 जुलाई), सुषमा स्वराज (6 अगस्त) और अरुण जेटली (24 अगस्त) को निधन हुआ। साल 2018 से 2019 तक यानी एक साल के अंदर कांग्रेस और बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं ने दुनिया को अलविदा कहा। आज भले ही ये नेता हमारे बीच नहीं हैं लेकिन वे अपने काम के चलते हमेशा याद आएंगे। एक नजर उन नेताओं पर जिनका एक साल के अंदर निधन हुआ…।

अटल बिहारी वाजपेयी-
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी लंबे समय से बीमार चल रहे थ। 2004 में प्रधानमंत्री पद से हटने के कुछ सालों के अंदर ही वाजपेयी की सेहत बिगड़नी शुरू हुई तो बिगड़ती ही चली गई। उनकी हालत ऐसी हो गई थी कि उनके लिए लोगों को पहचानना बंद कर दिया था। तकरीबन एक दशक तक इस हालत में रहने के बाद वाजपेयी का निधन 16 अगस्त, 2018 को एम्स में हो गया था।

जगन्नाथ मिश्रा-
बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा का निधन 19 अगस्त को दिल्ली के द्वारका में हुआ था। उन्हें बिहार में तीन बार मुख्यमंत्री रहने का रुतबा हासिल था।

बाबू लाल गौर-
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बाबू लाल गौर का निधन अगस्त 2019 में हुआ। बता दें कि मूलरूप से उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के रहने वाले बाबू लाल गौर ने मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनकर एक इतिहास ही रचा था।

जयपाल रेड्डी-
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयपाल रेड्डी (Jaipal Reddy) का पिछले महीने 28 जुलाई को हैदराबाद में निधन हो गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयपाल रेड्डी पिछले कई दिनों से खराब स्वास्थ्य की समस्या से गुजर रहे थे। उनके निधन पर राज्यसभा में श्रद्धांजली देने के दौरान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु रो पड़े थे।

नारायाण दत्त तिवारी- 
एनडी तिवारी कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में एक हैं। 18 अक्टूबर 2018 को इनका निधन हुआ था। नारायाण दत्त तिवारी भारत के इतिहास में पहले ऐसा नेता थे। जो उत्तर प्रदेश और उत्तरांखड दोनों राज्यों मुख्यमंत्री में रहे।

एम करूणानिधि-
पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे एम करुणानिधि का निधन सात अगस्त, 2018 को चेन्नई में हुआ। वे भी पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे।

शीला दीक्षित-
शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक लगातार 15 सालों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। 2014 में उन्हें केरल का राज्यपाल बनाया गया था। 20 जुलाई 2019 को उनका निधन हो गया था।

सुषमा स्वराज-
सुषमा स्वराज का निधन 6 अगस्त 2019 को हुआ था। शायद ही किसी को अभी तक यकीन हो पाया होगा कि वह हमारे बीच नहीं है। सुषमा स्वराज का जाना इसलिए भी स्तब्ध कर देता क्योंकि 6 अगस्त की शाम को लोकसभा में अनुच्छेद 370 को लेकर बिल पास हुआ। उसके 3 घंटे बाद खबर आती है सुषमा स्वराज का निधन हो गया। अनुच्छेद 370 को खत्म करने पर उन्होंने अपना आखिर ट्वीट किया था और लिखा- प्रधानमंत्री जी, मैं अपने जीवन में इसी दिन का इंतजार कर रही थी।

अरूण जेटली-
लंबे समय से टीशू कैंसर से जूझ रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का निधन हो गया है। बीते 10 अगस्त को दिल्ली के एम्स में भर्ती करवाया गया था। एम्स ने एक बयान जारी कर कहा है कि वे बेहद दुख के साथ सूचित कर रहे हैं कि 24 अगस्त को 12 बजकर 7 मिनट पर माननीय सांसद अरुण जेटली अब हमारे बीच में नहीं रहे। अरुण जेटली को 9 अगस्त को एम्स (AIIMS) में भर्ती कराया गया था. एम्स के वरिष्ठ डॉक्टर उनका इलाज कर रहे थे।

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