क्या है इलेक्टोरल बॉन्ड, क्यों चुनावी माहौल में गर्म हो गया ये मुद्दा

2011
13516

नई दिल्ली: इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आ गया है। कोर्ट ने राजनीतिक दलों को निर्देश दिया है कि चुनाव आयोग को 30 मई तक चंदे की जानकारी दी जाए। चुनाव आयोग ने इस बात पर मुहर लगा दी है कि इलेक्टोरल बॉन्ड से साल 2017-18 में सबसे ज्यादा 210 करोड़ रुपये का चंदा भारतीय जनता पार्टी (BJP) को मिला है। बाकी सारे दल मिलाकर भी इस बॉन्ड से सिर्फ 11 करोड़ रुपये का चंदा हासिल कर पाए थे। चुनाव आयोग ने इस मामले में चल रही सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट को गुरुवार को जानकारी दी और आंकड़ों की पुष्ट‍ि की है।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकारी की इलेक्टोरल बॉन्ड की पॉलिसी के खिलाफ ऐसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) द्वारा याचिका दायर की गई थी। एडीआर ने मांग की थी कि इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करने पर रोक लगाने के साथ ही चंदा देने वालों के नाम सार्वजनिक किए जाएं, ताकि चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी हो।

वहीं टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2016-17 में बीजेपी को कुल 997 करोड़ और साल 2017-18 में कुल 990 करोड़ रुपये का चंदा हासिल हुआ था। यह इसी अवधि में कांग्रेस को मिले चंदे का करीब पांच गुना है। चुनाव आयोग की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वकील राकेश द्विवेदी ने ADR की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ को इलेक्टोरल बॉन्ड से मिले चंदे के बारे में बताया। चुनाव आयोग ने बताया है, ‘बीजेपी ने जो रसीद दी है उसके मुताबिक उसे इलेक्टोरल बॉन्ड से 210 करोड़ रुपये मिले हैं। बाकी अन्य सभी दलों को इनसे कुल 11 करोड़ रुपये का चंदा मिला है।’

क्या है इलेक्टोरल बॉन्ड
इलेक्टोरल बॉन्ड की घोषणा मोदी सरकार ने साल 2017 के बजट में की गई थी। इस साल के बजट ने लोगों को अपने पसंदीदा राजनीतिक दल के साथ जुड़ने का एक नया तरीका पेश किया। चुनावी बॉन्ड न तो टैक्स में छूट देते हैं और न ही ब्याज कमाने का साधन हैं। इसे चुनावी फंडिंग में सुधार के तरीके के रूप में प्रस्तावित किया गया है।

नियम के मुताबिक, 2000 से ज्यादा के नकद चंदे पर रोक लगा दी गई थी। नए नियम के मुताबिक, 2000 से अधिक चन्दा केवल चेक या ऑनलाइन ही दिया जा सकता है। इस साल जनवरी में ही सरकार ने इन बॉन्ड की अधिसूचना जारी की। अधिसूचना के अनुसार, 1000 रुपये, 10,000 रुपये, 10 लाख रुपये और एक करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी किए जाते हैं। इलेक्टोरल बॉन्ड अभी सिर्फ भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से ही खरीदे जा सकते हैं। राजनीतिक पार्टियां 15 दिनों के अंदर बैंक से इन बॉन्ड का पैसा ले सकती हैं। बता दें कि बॉन्ड पर पैसा देना वालों का नाम नहीं होता है। साथ ही ये जानकारी भी सार्वजनिक नहीं की जाती है।

ये भी पढ़ें:
Student Of The Year 2: भरभर कर डाले गए टाइगर श्रॉफ के जबरदस्त एक्शन सीन, देखें Trailer
जयपुर की गर्मी में जब ‘कैप्टन कूल’ हुए अंपायर पर गर्म, तब हुआ मैदान में कुछ ऐसा
WhatsApp पर अब भेजिए एक साथ 30 ऑडियो फाइलें, ये नया फीचर हुआ लॉन्च
पाकिस्तान: हजारा समुदाय को निशाना बनाकर किया धमाका, 16 की मौत 30 से ज्यादा घायल
लोकसभा चुनाव 2019: घर बैठे ऐसे चेक करें वोटर लिस्ट में अपना नाम, ये है आसान तरीका
बेटी की शादी में ना हो पानी की कमी, देखिए तस्वीरों में कैसे एकजुट हुआ पूरा गांव

ताजा अपडेट के लिए लिए आप हमारे फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल को फॉलो कर सकते हैं

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here