दिव्य धर्म यज्ञ दिवस भंडारे को लेकर निकाली गई विशाल रैली

0
297

हनुमानगढ़। मानवता के पर्याय बन चुके एकमात्र कबीरपंथ के अग्रणीय संत रामपाल जी महाराज समाज में नैतिकता, स्वच्छता, अध्यात्मिक और सामाजिक बदलाव को लेकर कबीर साहेब जी के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा दे रहे हैं, जिससे मानव समाज में बदलाव की नई लहर देखने को मिल रही है। इसी के तहत अनुयायियों द्वारा विशाल शांति रैली का आयोजन हनुमानगढ़ शहर में नई धान मंडी टाऊन से होते हुए विभिन्न स्थानों से गुजरते हुए जंक्शन धान मंडी तक किया गया, जिसमें शहर भर से और निकटतम गांवों से हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं ने शांति रैली में भाग लेकर अध्यात्मिक ज्ञान से परिचित होकर मानवता के प्रति समर्पित होने का संदेश दिया आज से 509 वर्ष पूर्व काशी (बनारस) में कबीर साहेब जी ने केशी बंजारा रुप बनाकर 18 लाख लोगों को भंडारा करवाया था, वर्तमान में वहीं तीन दिवसीय भंडारा, आगामी 7 से 9 नवंबर को ष्दिव्य धर्म यज्ञ दिवसश् के रूप में मनाया जा रहा है, उसी के उपलक्ष्य में इस रैली में सतलोक आश्रम सोजत, जिला पाली राजस्थान सहित अन्य राज्यों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, मध्य प्रदेश व नेपाल देश में भी में होने वाले दिव्य धर्म यज्ञ दिवस महोत्सव में विविध कार्यक्रमों जिसमें मुख्य रूप से धर्म भंडारे को लेकर प्रचार-प्रसार किया गया।

जिला संयोजक पवन दास स्वामी टिब्बी ने इस दौरान बताया कि महोत्सव में शुद्ध देसी घी से निर्मित लड्डू जलेबी, हलुआ मिठाई प्रसाद के रूप में भंडारे में तीन दिन रात को लगातार वितरित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में विशाल रक्तदान शिविर, देहदान शिविर निशुल्क नामदीक्षा की व्यवस्था भी होगी कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में व्यापक बुराईयाँ कुरितियाँ और पाखंडवाद को 4 मिटाकर स्वच्छ और निर्मल समाज का निर्माण करना है। रक्तदान शिविर व अन्य समाजिक कार्य सत्संग और विशाल भंडारे के माध्यम से समय समय पर आयोजित किये जाते हैं, ताकि मानवता के प्रति आम जन जागरुक होकर संवेदनशील हो और परोपकार के कार्यों में तत्पर होकर इंसानियत के काम आये रक्त के अभाव से किसी इंसान को अपना अनमोल मनुष्य जीवन गंवाना ना पड़े, क्योंकि मनुष्य जीवन चौरासी लाख योनियों के महाकष्ट भुगतने के बाद प्राप्त होता है। संत रामपाल जी महाराज कहते हैं कि आत्म प्राण उद्धार ही ऐसा धर्म नहीं और इसलिए समय रहते रक्तदान से किसी का जीवन बचाना भी इंसान का कर्तव्य बनता है जिसे संत रामपाल जी महाराज के अनुयायीयों द्वारा रक्तदान शिविर देहदान शिविर लगाकर निभाया जाता है।

आज समाज में दहेज रूपी दानव के कारण मा जाने समाज में कितनी ही बेटीया बलि चढ़ा दी जाती है, इस कुरिति को समाप्त करने हेतु संतजी के शिष्य साधारण तरीके से बिना किसी दिखावे ना बैंड बाजा ना कोई घोड़ी महज 17 मिनट में अमृतवाणी के माध्यम से दहेज मुक्त शादी रचाकर एक दूसरे के हो जाते हैं जिससे दहेज मुक्त भारत बनने की और अग्रसर होगा। सत्संग भंडारों से जातिवाद, भेदभाव मिटाकर एकता के सूत्र में पिरोकर आपसी भाईचारा कायम करने का संदेश दिया जाता है, कबीर साहेब जी के तत्वज्ञान और शास्त्रों से प्रमाणित सतभक्ती बताकर मोक्ष का मार्ग प्रशस्त किया जाता है।

ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now