सूडान युद्ध में अब तक 413 लोगों की मौत, 4 हजार भारतीय अब भी फंसे,जानें भारत क्या कर रहा है?

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Sudan News: सूडान में तख्तापलट के लिए सेना और पैरामिलट्री- रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच 15 अप्रैल से जारी लड़ाई का आज 10वां दिन है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, अब तक 413 लोगों की मौत हो चुकी है। 3,551 लोग घायल हुए हैं।

यूनाइटेड नेशन्स (UN) के मुताबिक, लड़ाई के चलते की इलाकों में पानी और बिजली की सप्लाई रुक गई है। लोगों को खाने के लिए भोजन भी नहीं मिल रहा है। इसके चलते करीब 20 हजार लोगों ने देश छोड़ दिया है। इनमें से ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। इन्होंने पड़ोसी देश चाड में शरण ली है।

इसी बीच कई देश सूडान में फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं। अब तक अमेरिका, ब्रिटेन समेत 9 देशों ने अपने डिप्लोमैट्स को रेस्क्यू कर लिया है। वहीं, सूडान में 4 हजार भारतीय रहते हैं, जो अब भी वहां फंसे हुए हैं।

22 अप्रैल की रात को सऊदी अरब ने सूडान में फंसे 158 लोगों को सुरक्षित निकाला था। इनमें कई भारतीय भी शामिल थे। इसके बाद भारत ने जेद्दाह में दो C-130J मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट को स्टैंडबाय पर रखा है। भारतीय नौसेना का एक जहाज सूडान के प्रमुख बंदरगाह पर भी पहुंच गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा- भारतीयों को निकालने के लिए सभी संभव कोशिशें की जा रही हैं।

5 बिन्दु में समझें सूडान का क्या है मामला?

  • सूडान में मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच वर्चस्व की लड़ाई है। 2019 में सूडान के तत्कालीन राष्ट्रपति ओमर अल-बशीर को सत्ता से हटाने के लिए लोगों ने प्रदर्शन किया।
  • अप्रैल 2019 में सेना ने राष्ट्रपति को हटाकर देश में तख्तापलट कर दिया, लेकिन इसके बाद लोग लोकतांत्रिक शासन और सरकार में अपनी भूमिका की मांग करने लगे।
  • इसके बाद सूडान में एक जॉइंट सरकार का गठन हुआ, जिसमें देश के नागरिक और मिलिट्री दोनों का रोल था। 2021 में यहां दोबारा तख्तापलट हुआ और सूडान में मिलिट्री रूल शुरू हो गया।
  • आर्मी चीफ जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान देश के राष्ट्रपति और RSF लीडर मोहम्मद हमदान डागालो उपराष्ट्रपति बन गए। इसके बाद से RSF और सेना के बीच संघर्ष जारी है।
  • सिविलियन रूल लागू करने की डील को लेकर मिलिट्री और RSF आमने-सामने हैं। RSF सिविलियन रूल को 10 साल बाद लागू करना चाहती है, जबकि आर्मी का कहना है कि ये 2 साल में ही लागू हो जाना चाहिए।

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