कानून की व्याख्या और न्याय की महत्ता पर हुआ सारगर्भित संवाद

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हनुमानगढ़, 20 अप्रैल। जंक्शन स्थित अग्रसैन भवन में एक गरिमामयी समारोह के तहत बार संघ हनुमानगढ़ द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय के माननीय न्यायधिपति श्री फरजन्द अली एवं न्यायधिपति श्री मनोज कुमार गर्ग का अभिनंदन एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर बार संघ अध्यक्ष नरेन्द्र माली की अध्यक्षता में दोनों न्यायमूर्तियों का पुष्पमालाओं और स्मृति चिन्हों के साथ अभिनंदन किया गया।
समारोह में डीडीपी ओम आर्य, डीआईजी अरशद अली, भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रमोद डेलू सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसे न्यायमूर्तियों एवं बार संघ के पदाधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से सम्पन्न किया गया। कार्यक्रम का माहौल पूरी तरह से गरिमामय, प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक रहा।
अपने उद्बोधन में न्यायधिपति मनोज कुमार गर्ग ने हनुमानगढ़ के साथ अपने पुराने संबंधों को याद करते हुए भावुक होकर कहा, हनुमानगढ़ मेरे रोम-रोम में बसा है। यहाँ के वरिष्ठ अधिवक्ताओं से मैंने न केवल न्याय की परिभाषा को समझा, बल्कि जीवन में न्याय के मूल्यों को आत्मसात करना भी सीखा। आज जिस पद पर हूँ, उसमें यहाँ की अधिवक्ता बिरादरी की भूमिका अहम रही है। उन्होंने युवा अधिवक्ताओं से आग्रह किया कि वे अपने कर्तव्यों को गंभीरता से समझें और न्याय प्रक्रिया का एक जिम्मेदार हिस्सा बनें। उन्होंने कहा कि वकालत केवल एक पेशा नहीं, बल्कि एक सामाजिक उत्तरदायित्व है।
न्यायधिपति श्री फरजन्द अली ने अपने सारगर्भित वक्तव्य में कानून और अधिवक्ता के रिश्ते पर गहन दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, मैंने कभी अधिवक्ता का लाइसेंस निरस्त नहीं करवाया, केवल सस्पेंड करवाया है। इसलिये आज भी मैं एक अधिवक्ता हूँ।
उन्होंने अधिवक्ताओं को न्याय प्रणाली की रीढ़ बताते हुए कहा कि अधिवक्ता न केवल पीड़ित और न्यायालय के बीच की सबसे मजबूत कड़ी होते हैं, बल्कि समाज के लिए एक मार्गदर्शक की भूमिका भी निभाते हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा, हर व्यक्ति कानून से बंधा होता है, चाहे वह सड़क निर्माण हो, सिंचाई व्यवस्था, पंचायतीराज या कोई भी अन्य व्यवस्था। यदि कोई कानून के दायरे को भूलता है, तो उसे उस दायरे की याद दिलाना अधिवक्ता का कार्य है। दोनों न्यायधिपतियों के विचारों ने विशेष रूप से युवा अधिवक्ताओं को गहराई से प्रभावित किया। उनके संबोधन में बार-बार निष्पक्षता, सत्यनिष्ठा और संवेदनशीलता जैसे मूल्यों पर बल दिया गया। न्यायधिपति फरजन्द अली ने युवाओं से अपील की कि वे केवल पेशेवर सफलता पर नहीं, बल्कि समाज में न्याय की स्थापना में अपनी भूमिका को सर्वाेपरि मानें।
बार संघ अध्यक्ष नरेन्द्र माली ने दोनों न्यायधिपतियों का स्वागत करते हुए कहा, यह हनुमानगढ़ बार संघ के लिए गर्व का विषय है कि हमारे क्षेत्र से दोनों न्यायधिपतियों का बेहद स्नेह व लगाव है। हम उन्हें विश्वास दिलाते हैं कि उनके बताए मार्ग पर चलते हुए हम न्याय के उच्चतम मानकों को कायम रखेंगे।
कार्यक्रम के अंत में बार संघ के अध्यक्ष नरेन्द्र माली, उपाध्यक्ष प्रतीक मिड्ढा, सचिव प्रकाश रोझ, कोषाध्यक्ष राजीव शर्मा, पुस्तकालय अध्यक्ष लोकेश शर्मा द्वारा दोनों माननीय न्यायधिपतियों, बार संघ की समस्त तहसील कार्यकारणीयों के पदाधिकारियों व अन्य अतिथियों का स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया।

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