ओडिशा के पुरी में बने 12वीं सदी के मंदिर की तर्ज पर बने पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर के दीघा (Digha Jagannath Mandir) में जगन्नाथ मंदिर का आज उद्घाटन है। आज मंदिर में देवताओं की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होगी।
इसके लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यज्ञ-हवन और पूजा के लिए मंगलवार को ही दीघा पहुंची है। उद्घाटन के बाद लेजर शो और डायनेमिक लाइट शो होगा। मंदिर के उद्घाटन से पहले दीघा की सड़कों को रोशनी से सजाया गया है।
मंदिर से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन होने वाली पूजा के दौरान कई अनुष्ठान होंगे। अनुष्ठान के लिए विभिन्न तीर्थ स्थलों से पवित्र जल पहले ही मंदिर में लाया जा चुका है। महायज्ञ में करीब 100 क्विंटल आम काठ (आम की लकड़ी) और बेल काठ (बिल्व की लकड़ी) तथा दो क्विंटल घी का इस्तेमाल किया गया।
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Today, as the sacred Dhwaja rose above the Jagannath Temple in Digha, I witnessed a vision conceived in 2018 come to life.
With the Maha Yajna complete, we wait with bated breath for the Lord of the Universe to grace His humble abode by the sea.
May His presence usher in… pic.twitter.com/XuZ30RXRwJ
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) April 29, 2025
जगन्नाथ के दीघा मंदिर की खासियत
- पुरी के जगन्नाथ मंदिर की तरह, दीघा के मंदिर भी चार मंडप (हॉल) बनाए गए हैं। इनके नाम- विमान (गर्भगृह), जगमोहन, नट मंदिर (नृत्य हॉल) और भोग मंडप हैं।
- दीघा मंदिर में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियां पुराने पुरी जगन्नाथ मंदिर की तरह ही बनाई गई हैं, लेकिन ये पत्थर से बनी हैं।
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- चारों दिशाओं में प्रवेश द्वार बने हैं। मुख्य द्वार से प्रवेश करने के बाद, अरुण स्तंभ है, फिर सिंह द्वार है और इसके ठीक सामने व्याघ्र द्वार है। हर दरवाजे के पास सीढ़ियां और छतरी बनी है।
- हर दरवाजे को शंख, चक्र और कमल से सजाया गया है। मंदिर के गुंबद से लेकर हर दरवाजे पर रंग-बिरंगी लाइटिंग लगाई गई है।
- पुरी मंदिर की तरह, दीघा जगन्नाथ मंदिर के ऊपर हर शाम झंडा फहराया जाएगा।
इस साल होगा रथयात्रा का आयोजन
बंगाल सरकार मंदिर के उद्घाटन के बाद सालाना रथ यात्रा आयोजित करने की योजना बना रही है। दीघा में पहली ऐसी यात्रा जून में आयोजित होने की संभावना है। यात्रा में इस्तेमाल होने वाले रथ पहले ही बनाए जा चुके हैं और उन्हें तैयार रखा गया है। दीघा पुरी से करीब 350 किलोमीटर दूर है।
आपको बता दें, 2018 में घोषणा हुई थी कि मंदिर का निर्माण 2022 में शुरू होगा। जगन्नाथधाम का विकास हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (HIDCO) द्वारा किया गया है। राज्य सरकार ने इसपर करीब 250 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इसका पूरा मैनेजमेंट इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) को सौंपी जाएगी।
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