जगन्नाथ रथ यात्रा आज से, जानें पूरा शिड्यूल और इससे जुड़ी खास बातें

मान्यताओं के मुताबिक आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वीतिया तिथि के दिन भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बलराम अपनी मौसी के घर जाते हैं।

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ओडिशा: देशभर में प्रसिद्ध ओडिशा की जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Puri) 01 जुलाई, 2022 आज से शुरू हो गई है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वीतिया तिथि के दिन भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बलराम अपनी मौसी के घर जाते हैं। वहां सात दिनों तक विश्राम के पश्चात् अपने घर जगन्नाथ पुरी  वापस लौटते हैं। अगर आप भी ओडिशा में है या फिर इस रथयात्रा को देखने जानें का सोच रहे हैं तो हम आपको यहां रथ यात्रा का पूरा शेड्यूल और इसके जुड़ी खास बातें बता रहें हैं।

क्यों निकाली जाती है रथयात्रा-
मान्यताओं के अनुसार, एक बार बहन सुभद्रा जी ने भगवान जगन्नाथ से नगर भ्रमण की इच्छा प्रकट की। उस समय भगवान जगन्नाथ और बलभद्र अपनी बहन सुभद्रा जी के साथ रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकले। यात्रा के दौरान वे अपनी मौसी गुंडिचा के घर भी 7 दिन रुके। कहा जाता है कि तभी से रथ यात्रा निकलने की परंपरा चली आ रही है जो आज भी जीवंत है।

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रथयात्रा के दिन-
01 जुलाई, 2022 शुक्रवार- रथ यात्रा आरंभ
05 जुलाई, मंगलवार- हेरा पंचमी (इस दौरान यात्रा के पहले 5 दिन गुंडिचा मंदिर में वास करते हैं)
08 जुलाई, शुक्रवार- संध्या दर्शन (मान्यतानुसार, इस दिन भगवान के दर्शन से 10 साल भगवान विष्णु की पूजा के समान फल मिलता है)
09 जुलाई, शनिवार- बहुदा यात्रा (इस दौरान भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बलभद्र अपने मंदिर वापस लौटेंगे)
10 जुलाई, रविवार- सुनाबेसा (मंदिर लौटने पर भगवान जगन्नाथ अपने भाई-बहन के साथ शाही रूप लेंगे)
11 जुलाई- सोमवार- आधर पना (आषाढ़ शुक्ल द्वादशी के दिन रथों पर विशेष प्रकार का पेय अर्पित किया जाता है इसे पना कहा जाता है)
12 जुलाई, मंगलवार- नीलाद्री बीजे (यह भगवान जगन्नाथ यात्रा का दिलचस्प अनुष्ठान होता है)

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