Odisha: राम मंदिर से पहले 800 करोड़ की लागत वाले जगन्नाथ मंदिर परिक्रमा प्रोजेक्ट का उद्घाटन, जानिए इसकी खासियत?

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ओडिशा के पुरी के भगवान जगन्नाथ मंदिर में ‘श्री मंदिर परिक्रमा’ का उद्घाटन 17 जनवरी यानि कल को होने वाला है। इसे जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर के रूप में भी जाना जाता है। यह परियोजना ओडिशा ब्रिज एंड कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (ओबीसीसी) द्वारा पूरी की गई। पुरी के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर (puri jagannath mandir) के चारों ओर इस हेरिटेज कॉरिडोर को 800 करोड़ की लागत से बनाया गया है। परिक्रमा प्रोजेक्ट का उद्घाटन 17 जनवरी को किया जाएगा।

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परिक्रमा प्रोजेक्ट क्या है?
मई 2019 में चक्रवात ‘फानी’ ने ओडिशा में भारी नुकसान किया था। उसके बाद, राज्य की सरकार ने विकास के लिए 42 हजार करोड़ की योजनाओं की घोषणा की थी। राज्य सरकार ने इस पहल को नाम दिया- Augmentation of Basic Amenities and Development of Heritage and Architecture  (ABADHA), यानी बुनियादी सुविधाओं और राज्य की विरासत और वास्तुकला को विकसित करना। इस इनिशिएटिव का उद्देश्य खास तौर पर तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं जुटाना था।

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जगन्नाथ पुरी मंदिर की बाहरी दीवारों को ‘मेघनाद पचेरी’ कहते हैं। इन दीवारों के चारों तरफ, 75 मीटर का एक गलियारा बनाया गया है। यही गलियारा परिक्रमा प्रोजेक्ट है। इस गलियारे का उद्देश्य मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करना है। साथ ही यहां आने वाले भक्तों के लिए कई बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। इस प्रोजेक्ट को डेवेलप करने में कुल 800 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।

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परिक्रमा प्रोजेक्ट में क्या-क्या है खास?

1. परिक्रमा प्रोजेक्ट में बाहरी दीवारों से सटा सात मीटर का हरा बफर जोन है. और पांच मीटर ऊंचा सीढ़ीदार ग्रीन लैंडस्केप भी है।
2.  देवी-देवताओं की शोभा यात्रा और आम जनता के इस्तेमाल के लिए मंदिर परिसर के चारों तरफ 10 मीटर का रास्ता है।
3. बगीचों वाला 14 मीटर का लैंडस्केप ज़ोन है, जिसमें स्थानीय किस्मों के पेड़-पौधे हैं।
4. तीर्थयात्रियों के लिए छायादार रास्ते के लिए दोनों ओर पेड़ों से ढका आठ मीटर का बाहरी रास्ता बनाया गया है।
5. 10 मीटर चौड़ा सार्वजनिक सुविधा जोन है. जिसमें शौचालय, पीने के पानी के नल, इनफार्मेशन सेंटर और आराम के      लिए आश्रय मंडप जैसी सुविधाएं हैं।


6. सर्विस व्हीकल्स के पहुंचने के लिए और गलियारे के रखरखाव के लिए 4.5 मीटर की सर्विस लेन बनाई गई है।
7. किसी भी तरह की इमरजेंसी की स्थिति में 4.5 मीटर चौड़ी इमरजेंसी लेन बनाई गई है।
8. हेरिटेज कॉरिडोर के चारों ओर गाड़ियों की आवाजाही के लिए 7.5 मीटर की ट्रैफिक लेन है।

अयोध्या जैसा है पुरी में माहौल?
सरकार ने 17 जनवरी के दिन पूरे राज्य में सरकारी छुट्टी की घोषणा की है। इस दिन सभी सरकारी ऑफिस, स्कूल और कॉलेज वगैरह बंद रहेंगे। अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है। उसके 5 दिन पहले यानी 17 जनवरी को पुरी मंदिर के इस परिक्रमा प्रोजेक्ट का उद्घाटन रखा है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक इसका उद्घाटन करेंगे।

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नवीन पटनायक ने सोमवार, 15 जनवरी को लोगों से अपील की है कि वे जगन्नाथ की भक्ति में शामिल हों। पटनायक ने लोगों से दीये जलाकर, शंख बजाकर, भजन-कीर्तन करके 7 जनवरी के समारोह में शामिल होने की अपील की है. उन्होंने कहा कि ये ओडिशा के लोगों के लिए उत्सव का दिन है।

ओडिशा के DGP अरुण कुमार सारंगी ने कहा है कि भव्य उद्घाटन समारोह के लिए पुरी में लगभग 80 प्लाटून (3,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी) तैनात किए गए हैं। कार्यक्रम इन्हीं सुरक्षा कर्मियों के घेरे में होगा। उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लगभग 1,000 मंदिरों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। जगन्नाथ मंदिर की कई टीमों के लोगों को कई राज्यों में निमंत्रण देने के लिए भेजा गया है। नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर को भी निमंत्रण मिला है।

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आपको बता दें, कांग्रेस और बीजेपी लगातार बीजेडी पर निशाना साध रही है। जहां कांग्रेस का आरोप है कि जैसे BJP राजनीतिक लाभ के लिए अयोध्या में राम मंदिर का इस्तेमाल कर रही है, वैसे ही BJD भी चुनावी फायदे के लिए जगन्नाथ परिक्रमा प्रोजेक्ट का इस्तेमाल कर रही है। सरकार BJD की चुनावी योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए सरकारी खजाने का पैसा खर्च कर रही है।” नेता नरसिंह मिश्र ने कहा कि प्रोजेक्ट अभी तक पूरा नहीं हुआ है। क्योंकि जिस रिसेप्शन सेंटर को बनाने का वादा किया गया था, वो अभी तक शुरू नहीं हुआ है। एक अधूरे प्रोजेक्ट में शामिल होने का क्या मतलब है।

वहीं बीजेपी सांसद ने अपराजिता सारंगी ने ट्रॉली, रिक्शा और पिक-अप वैन पर भगवान जगन्नाथ की मूर्ति रखकर शोभा यात्रा निकालने पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ‘इससे दुनिया भर में लोगों और जगन्नाथ भक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं।’

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BJD इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बता रही है
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री की यही महत्वाकांक्षी परियोजना अब एक विशाल, बहुरंगी पेड़ के रूप में विकसित हो गई है। जिसे ‘श्रीमंदिर हेरिटेज कॉरिडोर प्रोजेक्ट’ कहा जाता है। साथ ही मुख्यमंत्री स्वयं इसे प्रभु की इच्छा मानते हैं। मुख्यमंत्री के करीबी सलाहकार वीके पांडियन ने इस परियोजना को अपने हाथों में इसे पूरा करने में उन्होंने अद्भुत प्रतिबद्धता, ईमानदारी और समर्पण का परिचय दिया।

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