केजरीवाल ने खुद को बचाया, अपने मंत्रियों को फंसाया, जानें आज कोर्ट में क्या हुआ?

0
113

Arvind Kejriwal ED Case: दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहली बार ईडी ने सोमवार को कोर्ट रूम में सौरभ भारद्वाज और आतिशी का नाम लिया।  ईडी जब राउज एवेन्यू कोर्ट में मंत्री सौरभ भारद्वाज और आतिशी का जिक्र कर रही थी तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केजरीवाल इस दौरान चुप रहे।

ईडी की ओर से कोर्ट में पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने दलील दी कि विजय नायर सीएम केजरीवाल के करीबी रहे हैं। केजरीवाल ने पूछताछ में कहा कि नायर उन्हें रिपोर्ट नहीं करता था वो आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करता था।

अतिशी और सौरभ का नाम कोर्ट में आते कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि दोनों के नाम ने कोर्ट में अलग तरह का रिएक्शन देखा गया था। बताया जा रहा है कि इस दौरान सुनीता केजरीवाल ने अतिशी और सौरभ भारतद्धाज की तरफ देखा।

ED ने केजरीवाल की रिमांड खत्म होने के बाद उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में कावेरी बावेजा की अदालत में पेश किया। ED की ओर से ASG राजू और केजरीवाल की ओर से रमेश गुप्ता ने पैरवी की। ED ने कहा कि केजरीवाल हमें सहयोग नहीं कर रहे हैं। वे हमें गुमराह कर रहे हैं। इस पर कोर्ट ने पूछा कि ज्यूडिशियल कस्टडी के लिए ये दलीलें कितनी सही हैं?

ASG राजू ने कहा कि केजरीवाल अपने फोन का पासवर्ड नहीं शेयर कर रहे हैं। हम बाद में इनकी ED कस्टडी की मांग करेंगे। ये हमारा अधिकार है। इसके बाद कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।केजरीवाल के वकील रमेश गुप्ता ने कोर्ट से कहा- अरविंद केजरीवाल को जेल में 3 किताबें दी जाएं- गीता, रामायण और नीरजा चौधरी की बुक हाऊ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड। केजरीवाल को तिहाड़ के जेल नंबर 2 में रखा जाएगा।

आपको बता दें, अरविंद केजरीवाल को ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उन्हें 22 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने केजरीवाल को 28 मार्च तक यानी 7 दिन के लिए रिमांड पर भेज दिया। इसके बाद 28 मार्च की सुनवाई में कोर्ट ने उन्हें 1 अप्रैल तक रिमांड पर भेजा था। आज उन्हें 15 अप्रैल यानी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

ये भी पढ़ें: क्या है कच्चाथीवू द्वीप विवाद, विस्तार से समझिए क्यों गर्म हुई सियासत?

ईडी ने कोर्ट में बताया
ED ने आरोप लगाया है कि 100 करोड़ के शराब नीति घोटाले में अरविंद केजरीवाल ही मुखिया हैं और सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। ED के केस के मुताबिक, शराब नीति लागू करना उस साजिश का हिस्सा था, जिसके जरिए कुछ प्राइवेट कंपनियों को पूरे प्रॉफिट का 12% हिस्सा दिया गया। इस व्यवस्था का जिक्र ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की मीटिंग में नहीं किया गया। ED ने दावा किया कि इस पूरी साजिश को विजय नायर और कुछ और लोगों ने साउथ ग्रुप के साथ मिलकर अंजाम दिया। इसके जरिए होलसेलर्स को ‘एक्स्ट्राऑर्डिनरी प्रॉफिट’ दिया गया। ED ने कहा कि विजय नायर चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के लिए काम करता था।

ये भी पढ़ें: Online केक मंगवाने से ‘बर्थडे गर्ल’ की मौत, हिलाकर रख देगी आपको ये वीडियो, देखिए

ईडी का कोर्ट में खुलासा किया?
. ईडी ने न्यायिक हिरासत की मांग की कॉपी में लिखा है कि अरविंद केजरीवाल ने पूछताछ में कबूल किया कि विजय नायर आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करते थे।

. खुद विजय नायर कह चुका है कि वो एक कैबिनेट मंत्री के आवास में रहकर आबकारी नीति बना रहा था। सीएम केम्प ऑफिस से वो काम करता था। इस पर केजरीवाल गोल-मोल जवाब देकर कह रहे हैं कि केम्प ऑफिस में कौन काम करता है इसको लेकर उन्हें सीधे तौर पर जानकारी नहीं रहती।

विजय नायर AAP पार्टी का कोई मामूली कार्यकर्ता नही बल्कि पूरे मीडिया कम्युनिकेशन सेल का हेड था। केजरीवाल को नायर के कई व्हाट्सएप चैट दिखाए गए। इससे पता लगता है कि विजय नायर सीएम केजरीवाल के करीबी रहे हैं।

. अरविंद केजरीवाल को विजय नायर की अन्य आरोपी जैसे अभिषेक बोइनपिल्लै, दिनेश अरोड़ा और अन्य शराब कारोबारियों से करीब 10 मीटिंग की डिटेल्स दिखाई गई। इसमें पूछा गया कि किसके इशारे या कहने पर विजय नायर इन शराब कारोबारियों और आरोपियो से नई शराब नीति को लागू करने को लेकर मीटिंग कर रहे थे, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसकी भी जानकारी उन्हें नहीं है।

व्हाट्सऐप पर हमें फॉलो करें, लिंक नीचे
हमारे साथ व्हाट्सऐप पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें (We’re now on WhatsApp, Click to join)

ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।