भारत के ‘हिंदू राष्ट्रवाद’ से छिड़ सकता है युद्ध: चीनी मीडिया

मोदी ने सत्ता में आने के लिए हिंदू राष्ट्रवाद का फायदा उठाया। इसने एक तरफ तो देश में उनके सम्मान को बढ़ाने और देश पर कंट्रोल बनाने में उनकी मदद की वहीं दूसरी तरफ इसके चलते भारत में रूढ़िवादियों का प्रभाव बढ़ा है।

0
464

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच भूटान के डोकलाम को लेकर तनाव जारी है। एक महीने से ज्यादा वक्त से भारतीय सेना डोकलाम में तैनात है और चीन लगातार भारत को युद्ध की धमकी दे रहा है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा है कि भारत लगातार चीन को उकसा रहा है और इसके साथ ही भारत में राष्ट्रवाद के नाम पर चीन विरोधी भावनाएं भड़काई जा रही हैं।

चीनी मीडिया ने लिखा कि भारत चीन के खिलाफ स्ट्रैटेजिक तरीके से अविश्वास पैदा कर रहा है। यह चीन को अपना प्रतिद्वंद्वी और दुश्मन समझता है। लंबे समय से भारत यह प्रचारित करने की कोशिश कर रहा है कि चीन भारत को घेर रहा है।

चीनी अखबार ने लिखा कि चीन ने भारत को वन बेल्ट वन रोड में शामिल होने का न्योता दिया था, जिसका भारत ने गलत अर्थ निकाला। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि चीन के विकास को भारत खतरे के तौर पर देखता है।

चीनी अखबार ने लिखा कि भारत में एक खास तरह का राष्ट्रवाद तेजी से बढ़ रहा है। इसमें लिखा है, ‘नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री के तौर पर निर्वाचित होने के बाद भारत में राष्ट्रवाद को बल मिला। मोदी ने सत्ता में आने के लिए हिंदू राष्ट्रवाद का फायदा उठाया। इसने एक तरफ तो देश में उनके सम्मान को बढ़ाने और देश पर कंट्रोल बनाने में उनकी मदद की वहीं दूसरी तरफ इसके चलते भारत में रूढ़िवादियों का प्रभाव बढ़ा है।

कूटनीतिक रूप से नई दिल्ली पर विदेशों से संबंधों, खासकर चीन और पाकिस्तान, पर कड़ाई से पेश आने का दबाव है। इस बार चीन के साथ सीमा विवाद भारत के धार्मिक राष्ट्रवाद की मांग पूर्ति के लिए है।’

ये भी पढ़ें: 46 फीसदी कुपोषित यूपी में सरकार बांटेगी मंदिरों में दूध का प्रसाद

ये भी पढ़ें: योगी की देखरेख में राज्य में हुई बलात्कार की 803 और हत्या की 729 घटनाएं

ये भी पढ़ें: नोटबंदी के फैसले ने देश के करीब 60 लाख लोगों के मुंह से छिना निवाला: CMIE

ये भी पढ़ें: Toilet Polities: चुनावी डर ने तुड़वा दिए राज्य के सारे शौचालय

अखबार ने आगे लिखा, ‘यदि धार्मिक राष्ट्रवाद अपने चरम पर आ गया तो मोदी सरकार कुछ नहीं कर पाएगी। ठीक उसी तरह जैसे 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार मुस्लिमों के विरुद्ध होने वाली हिंसा को रोकने में असफल हुई है।’

इस संपादकीय में लिखा है कि भारत और चीन के बीच की प्रतिस्पर्धा दोनों की ताकतों और बुद्धिमत्ता पर टिकी हुई है। राष्ट्रीय ताकत की बात करें तो भारत चीन से कमजोर है, लेकिन इसके रणनीतिकारों और राजनीतिज्ञों ने भारत की चीन नीति को राष्ट्रवाद से बचाने में कोई बुद्धिमत्ता नहीं दिखाई है। इससे भारत को ही खतरा है, भारत को इस बात का ध्यान रखना चाहिए और धार्मिक राष्ट्रवाद को दो देशों के बीच युद्ध को बढ़ावा देने से रोकना चाहिए।

नीचे दिए लिंक पर किल्क कीजिए और पढ़ें अन्य खबरें

(खबर कैसी लगी बताएं जरूर। आप हमें फेसबुकट्विटर और यूट्यूब पर फॉलो भी कर सकते हैं)

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now