एक्शन में आई पुलिस, नींद से जागी सरकार..फिर भी चौतरफा हाहाकार!

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नई दिल्ली: उत्तर-पूर्व दिल्ली में सीएए विरोधी हिंसा में बुधवार सुबह तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है। अब हालात काबू करने की जिम्मेदारी एनएसए अजीत डोभाल को दी गई है। खबर है कि हालात पर काबू पाने के लिए दिल्ली पुलिस को पूरी छूट दी गई है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, वे प्रधानमंत्री और कैबिनेट को रिपोर्ट करेंगे।

मंगलवार देर रात डोभाल ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक और स्पेशल सीपी एसएन. श्रीवास्तव के साथ जाफराबाद और सीलमपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। स्थानीय लोगों से बातचीत की। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, अफसरों के साथ मीटिंग में डोभाल ने साफ कर दिया कि हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पर्याप्त पुलिस और अर्द्धसैनिक बल तैनात किए जाएंगे।

स्पेशल ब्रांच सूत्रों की ओर से दावा किया गया है कि ट्रम्प की भारत यात्रा को लेकर पहले से ही अंदेशा था कि माहौल को जान-बूझकर खराब किया जा सकता है। पुलिस सूत्रों का कहना है इस हिंसक घटना के पीछे बाहरी शक्तियां शामिल हो सकती हैं। इन मंसूबों को पूरा करने के लिए कम उम्र के युवाओं को मोहरा बनाया गया।

बता दें, पुलिस भीड़ पर काबू पाने की जद्दोजेहद में लगी रही । भीड़ में शामिल लोग दुकानों को आग लगा रहे थे, पथराव कर रहे थे और वे स्थानीय लोगों के साथ मारपीट कर रहे थे। राष्ट्रीय राजधानी के उत्तरपूर्वी इलाके में तनाव के दूसरे दिन हिंसा चांदबाग और भजनपुरा सहित कई क्षेत्रों में फैल गई। इस दौरान पथराव किया गया, दुकानों को आग लगायी गयी। दंगाइयों ने गोकलपुरी में दो दमकल वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। भीड़ भड़काऊ नारे लगा रही थी और मौजपुर और अन्य स्थानों पर अपने रास्ते में आने वाले फल की गाड़ियों, रिक्शा और अन्य चीजों को आग लगा दी।

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