भारत में Childhood Index में सुधार, बाल विवाह दर में आई 51 फीसद गिरावट

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नई दिल्ली: सेव द चिल्ड्रेन एनजीओ की वार्षिक रिपोर्ट ग्लोबल चाइल्डहुड इंडेक्स (Global Childhood Index) में खुलासा हुआ है कि भारत में बाल विवाह दर में 51 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में चाइल्‍डहुड इंडेक्‍स (Childhood Index) में 137 अंकों का सुधार हुआ है। पहले चाइल्‍ड हुड इंडेक्‍स 632 था जो बढ़कर 769 अंकों पर आ गया है।

यही नहीं साल 2000 के बाद से देश में किशोरों के माता-पिता बनने की दर में भी 63 फीसद की गिरावट आई है। साल 1990 के बाद यह गिरावट करीब 75 फीसद है। कम उम्र में शादियों में आई गिरावट के कारण किशोरियों के मां बनने की संख्या में तकरीबन 20 लाख की कमी दर्ज की गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में यह बदलाव तब देखा गया जब वहां की नीतिगत फैसलों को लागू करने, कानूनों में बदलाव, लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा और लोगों को जागरूक किया गया। सिर्फ इतना ही नहीं, बच्चों की सेहत, शिक्षा और शादी जैसे मानकों में भी सुधार हुआ है।

कम उम्र के बच्चों की मौत में 70% की गिरावट
रिपोर्ट के मुताबिक साल 2000 में 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मौत की संख्या करीब 13 लाख थी। जो 2019 तक कम होकर 384,000 हो गई है। यानी 70% की गिरावट। लेकिन नवजात मृत्यु के मामले सिर्फ 52 फीसदी गिरावट दर्ज हुई है।

कम उम्र में मां बनने वाली लड़कियों की संख्या में भारी गिरावट
साल 2000 में 35 लाख लड़कियां कम उम्र में मां बनती थीं लेकिन अब यह संख्या घटकर 14 लाख पर आ गई है। भारत में लड़कियों के कम उम्र में मां बनने की दर में आई भारी गिरावट के कारण ही दुनियाभर में ऐसे मामले एक-तिहाई तक कम हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं आया होता तो भारत में करीब 90 लाख लड़कियों की कम उम्र में ही शादी हो गई होती।

विवाह दर में अभी भी बदलाव की जरूरत
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 19 वर्षों में 173 देशों किशोरों से संबंधित स्थितियों में सुधार हुआ है। हालांकि भारत के शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह अभी भी बड़ी समस्या है। शहरी क्षेत्रों में लड़कियों की कम उम्र में विवाह दर 6.9 फीसद जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह लगभग दोगुनी 14.1 फीसद पाई गई है। मतलब अभी विवाह दर पर काम करने की आवश्यकता है।

बाल मजदूरी में 70 प्रतिशत की कमी
5 से 14 साल के बच्चों को बालश्रम से बाहर निकालने के मामले में भारत ने बड़ी सफलता हासिल की है। पिछले 19 सालों में बालश्रम में 70 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।

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