कई ऐतिहासिक फैसले दे चुके हैं देश के नए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा

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 नई दिल्ली: जस्टिस दीपक मिश्रा (63) सोमवार को देश के 45वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) के तौर पर शपथ ली। जस्टिस मिश्रा सीजेआई जस्टिस जगदीश सिंह खेहर की जगह ली। जस्टिस खेहर रविवार को रिटायर हो गए। जस्टिस मिश्रा का टेन्योर 2 अक्टूबर 2018 तक रहेगा। जस्टिस दीपक मिश्रा ने कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं। आजाद भारत में पहली बार सुप्रीम कोर्ट जब रात में बैठी थी तो जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई में ही बेंच ने मुंबई ब्लास्ट के दोषी याकूब मेनन की अर्जी को पूरी रात सुनवाई के बाद खारिज किया था।

जस्टिस दीपक मिश्रा के बारें खास बातें-

  1. जस्टिस दीपक मिश्रा का जन्म 3 अक्टूबर 1953 को हुआ था। 14 फरवरी 1977 में उन्होंने उड़ीसा हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस शुरू की थी। 1996 में उन्हें उड़ीसा हाईकोर्ट का एडिशनल जज बनाया गया और बाद में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट उनका ट्रांसफर किया गया।

2. 2009 के दिसंबर में उन्हें पटना हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया। फिर 24 मई 2010 में दिल्ली हाईकोर्ट में      बतौर चीफ जस्टिस उनका ट्रांसफर हुआ। 10 अक्टूबर 2011 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया।

3. अपने लंबे कार्यकाल में जस्टिस दीपक मिश्रा ने कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं। पिछले साल 3 मई को जस्टिस दीपक    मिश्रा ने आपराधिक मानहानि से संबंधित कानूनी प्रावधान के संवैधानिक वैधता को सही ठहराया था। जस्टिस मिश्रा      ने कहा था कि विचार अभिव्यक्ति का अधिकार असीमित नहीं है।

4. 30 नवंबर 2016 को दिए अपने ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने      कहा था कि पूरे देश में सिनेमा घरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान चलाया जाए और इस दौरान सिनेमा हॉल में    मौजूद तमाम लोग खड़े होंगे। राष्ट्रगान के सम्मान में तमाम लोगों को खड़ा होना होगा।

5. मुंबई ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को फांसी की सजा जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने ही सुनाई थी। आजाद भारत में पहली बार सुप्रीम कोर्ट में रात भर सुनवाई चली थी। सुप्रीम कोर्ट में रात के वक्त सुनवाई करने वाले बेंच की अगुवाई जस्टिस दीपक मिश्रा ने ही की थी। दोनों पक्षों की दलील के बाद याकूब की अर्जी खारिज की गई थी और फिर तड़के उसे फांसी दी गई थी।

6. इसी साल 5 मई को बहुचर्चित निर्भया गैंग रेप केस में तीनों दोषियों की फांसी की सजा को जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने बरकरार रखा था। जस्टिस दीपक मिश्रा ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में पुलिस से कहा था कि वह एफआईआर दर्ज करने के 24 घंटे बाद उसे वेबसाइट पर अपलो़ड करें।

7. जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई में स्पेशल बेंच बनी है जो अयोध्या मामले की सुनवाई करे। इसके अलावा बीसीसीआई रिफार्म, सहारा सेबी मामला भी जस्टिस मिश्रा की बेंच सुन रही है।

फैसले में लिखा था 192 शब्दों का वाक्य
19 मार्च 2015 को जस्टिस दीपक मिश्रा ने प्रियंका श्रीवास्तव बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के एक मामले में अपना फैसला सुनाया था। इस फैसले की लाइनें खास थीं, इसमें शेक्सपियर और प्राचीन ग्रंथों के एग्जाम्पल थे। इसका एक वाक्य 192 शब्दों का था, जो भारत की ज्यूडिशियल हिस्ट्री में रिकॉर्ड माना

खाने के शौकीन
सीनियर एडवोकेट अशोक परीजा ने बताया कि जस्टिस दीपक मिश्रा अपनी सेहत को लेकर काफी संजीदा हैं। रोजाना माॅर्निंग वॉक करना उनकी आदत है। वे खाने के शौकीन हैं, लेकिन वे हमेशा वही चीजें खाते हैं जो उनकी सेहत को नुकसान न पहुंचाएं। अभी वे अयोध्या राम मंदिर विवाद, सहारा सेबी विवाद और बीसीसीआई के मामलों की सुनवाई कर रहे हैं।

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