यूपी चुनाव: मुलायम-शिवपाल के लिए हानिकारक हुए अखिलेश यादव !

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लखनऊ: समाजवादी पार्टी में सियासी घमासान लगातार जारी है और सभी की निगाहें अब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अगले दांव पर टिकी हैं। आपको बता दें इस फैमिली दंगल में अखिलेश मुलायम पर भारी पड़ रहे हैं। एक तरफ जहां अखिलेश ने अपनी बैठक में 198 विधायकों के साथ अपना दबदबा कायम किया है वहीं पिता मुलायम की बैठक में सिर्फ 73 उम्मीदवार और सिर्फ 11 विधायक ही पहुंच पाए हैं।

लाइव अपडेट:

  • मुलायम सिंह और अखिलेश यादव के बीच सुलह के तीन फॉर्मुले सामने आए हैं.  पहला- अमर सिंह को पार्टी से निकाल दिया जाए। दूसरा- अखिलेश यादव को पार्टी का अध्यक्ष घोषित कर दिया जाए और मुलायम सिंह यादव संरक्षक के तौर पर रहें। और तीसरा- दो जनवरी को होने वाली बैठक को रद्द कर दिया जाए।

 

  • आजम खान सपा का झगडा सुलझाने की कोशिश में लगे हैं और अखिलेश यादव को अपने साथ लेकर मुलायम सिंह यादव के घर पहुंचे हैं. इन दोनों के साथ अबु आज़मी भी हैं।
  • बैठक में अखिलेश यादव से बोले विधायक- जनता ने आप पर भरोसा दिखाया है, नेता जी का सम्मान और आपका नेतृत्व
  • बैठक में रो पड़े अखिलेश यादव और कहा, ‘पिता को उत्तर प्रदेश जीत कर तोहफा दूँगा. मैं पिता से अलग नहीं हूं।
  • लालू प्रसाद यादव ने मुलायम सिंह से बात की और कहा- सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ एकजुट रहने की जरूरत है।
  • सपा के वरिष्ठ नेता बेनी प्रसाद वर्मा बैठक में शामिल होने के लिए मुलायम सिंह यादव के घर पहुंचे।

क्या है विवाद?

विवाद तो शिवपाल और अखिलेश में है लेकिन ताजा विवाद टिकटों कें बंटवारे को लेकर है। मुलायम ने यूपी विधानसभा चुनावों में पार्टी के 325 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में अखिलेश के करीबियों का नाम नहीं था। पिता के फैसले से नाराज अखिलेश ने ने 235 उम्मीदवारों की अलग लिस्ट जारी कर दी। इसके बाद सपा के महासचिव रामगोपाल यादव ने एक जनवरी को पार्टी की आपात बैठक बुला ली, जिससे नाराज होकर मुलायम ने रामगोपाल और अखिलेश को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया।

लालू ने की मुलायम से बात

बाप-बेटे की बीच चल रही खींचतान के दौरान राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मुलायम सिंह से बात की है। लालू ने कहा है कि सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ एकजुट रहने की जरूरत है। उन्होंने मुलायम से कहा कि वह पार्टी को एकजुट रखने का काम करें।