अयोध्या पर फैसले से ठीक पहले पूरे देशवासियों के लिए जारी हुई ये सूचना

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उत्तर प्रदेश: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी, डीजीपी ओमप्रकाश सिंह समेत कई वरिष्ठ अफसरों से मिलेंगे। बताया जा रहा है कि चीफ जस्टिस अयोध्या केस में फैसला आने से पहले प्रदेश की सुरक्षा तैयारियों का जायजा लेंगे।

अयोध्या जिले को चार जोन- रेड, येलो, ग्रीन और ब्लू में बांटा गया है। इनमें 48 सेक्टर बनाए गए हैं। विवादित परिसर, रेड जोन में स्थित है। पुलिस के मुताबिक, सुरक्षा योजना इस तरह बनाई जा रही है कि एक आदेश पर पूरी अयोध्या को सील किया जा सके। प्रशासन ने फैसले का समय नजदीक आने पर, अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त 100 कंपनियां मांगी हैं। इससे पहले दीपोत्सव पर यहां सुरक्षाबलों की 47 कंपनियां पहुंची थीं, जो अभी भी तैनात है।

सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी-
अयोध्या पुलिस ने सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार के दुष्प्रचार या किसी भी सम्प्रदाय के खिलाफ भड़काऊ कंटेंट के प्रसार पर नजर रखने के लिए जिले के 1600 स्थानों पर 16 हजार वॉलंटियर तैनात किए हैं। गड़बड़ी रोकने के लिए 3000 लोगों को चिह्नित करके उनकी निगरानी की जा रही है।

मीडिया बरतें सावधानी-
इसके अलावा ज़िला स्तर पर मीडिया से बातचीत कर उनसे कहा जाए कि इससे जुड़ी खबर को सनसनी बनाने से परहेज़ करें। सीएम योगी ने कहा कि हर उस व्यक्ति से बात की जाए जिसकी समाज में पकड़ है। इनमें धर्म गुरु, वकील, छात्र नेता, व्यापारी और दूसरे लोग हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि फैसला आने पर न कोई जश्न मनाए और न ही कोई विरोध करे।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट दशकों पुराने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद का अगले सप्ताह किसी दिन फैसला सुना सकता है। दरअसल, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं, उससे पहले ही फैसला आने की उम्मीद है।

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