जानें क्या है नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन, क्यों जरूरी है हर आम आदमी के लिए योजना

नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत एक यूनिक कार्ड जारी किया जाएगा। ये आधार कार्ड की तरह होगा। इस कार्ड के जरिए मरीज के निजी मेडिकल रिकॉर्ड का पता लगाया जा सकेगा।

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नई दिल्ली: 74वां स्वतंत्रता दिवस मौके पर पीएम मोदी ने नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन को लॉन्च किया है। इस योजना को लॉन्च करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज से देश में एक और बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है। ये है नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन। भारत के हेल्थ सेक्टर में नई क्रांति लेकर आएगा। पीएम मोदी ने कहा कि आपके हर टेस्ट, हर बीमारी, आपको किस डॉक्टर ने कौन सी दवा दी, कब दी, आपकी रिपोर्ट्स क्या थीं, ये सारी जानकारी इसी एक हेल्थ आईडी में आपको प्राप्त होगी।

जानें क्या है इस योजना में-
दरअसल, नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत एक यूनिक कार्ड जारी किया जाएगा। ये आधार कार्ड की तरह होगा। इस कार्ड के जरिए मरीज के निजी मेडिकल रिकॉर्ड का पता लगाया जा सकेगा। आसान भाषा में समझें तो आप देश के किसी भी कोने में इलाज कराने जाएंगे तो पर्ची और टेस्ट रिपोर्ट नहीं ले जानी पड़ेंगी। डॉक्टर कहीं से भी बैठकर आपकी यूनिक आईडी के जरिए ये पता लगा सकेगा कि आपको क्या बीमारी है और अब तक की रिपोर्ट क्या है।

इस तरह करेगा हेल्थ कार्ड काम-
व्यक्ति का मेडिकल डेटा रखने के लिए अस्पताल, क्लिनिक, डॉक्टर एक सेंट्रल सर्वर से लिंक रहेंगे। अस्पताल और नागरिकों के लिए अभी ये उनकी मर्जी पर निर्भर करेगा कि वो इस मिशन से जुड़ना चाहते है या नहीं। हर नागरिक का एक सिंगल यूनिक आइडी जारी होगा। उसी आधार पर लॉगिन होगा। नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन में मुख्य तौर पर चार चीजों पर फोकस किया गया है। Health ID, व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड, देशभर के डिजी डॉक्टरों और स्वास्थ्य सुविधाओं का रजिस्ट्रेशन।

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