पुजारी बनने के लिए देनी होगी लिखित परीक्षा, महिलाओं को मिला 50% आरक्षण

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मुम्बई: सरकारी नौकरियों के लिए लिखित परीक्षा तो जरूरी है लेकिन अब मंदिरों के पुजारियों के लिए भी लिखित परीक्षा होगी ऐसा विधानसभा में बिल पारित हुआ है। सुनने में थोड़ा अजीब जरूर है लेकिन ये सच है। पुजारियों की लिखित परीक्षा लेने वाला राज्य महाराष्ट्र है। जहां विश्व प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर के पुजारी के चयन लिए महाराष्ट्र में परीक्षा की कराई जाएगी।

ये ही नहीं कोल्हापुर के महालक्ष्मी मंदिर में पुजारियों के चयन में महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण भी दिया जाएगा। इससे पहले परीक्षा लेकर पुजारियों के चयन की प्रक्रिया शिरडी में पहले ही शुरू हो चुकी है, जिसपर अब इस बिल के बाद सरकारी मुहर लग गई है।

डीएनए की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोल्हापूर में इस फैसले का बड़े जोश के साथ स्वागत किया गया है। यहां अब कुल पुजारियों में 50 फीसदी महिलाएं होंगी। गौरतलब है कि, पिछले दिनो कोल्हापुर में महालक्ष्मी मंदिर से पुजारी हटाओ आंदोलन छिड़ा था। मनमानी करनेवाले और पैसे ऐंठने वाले पुजारियों को हटाने कि लिए यह आंदोलन किया गया था, जिसमें आम लोगों ने भी हिस्सा लिया।

इस आंदोलन की गूंज विधानसभा में गई। परीक्षा लेकर पुजारियों की नियुक्ति का बिल पारित किया गया, जिसपर जल्द ही राज्यपाल की मुहर लगने के बाद कानून बन जाएगा। कोल्हापूर की महापौर स्वाती येवलुजे ने कहा सरकार का यह कदम सराहनीय है। इसके बाद पुजारियों के चयन में गड़बड़ी खत्म हो जाएगी। महिला भाविक चारुशीला चव्हाण ने कहा कि मंदिरों में पारदर्शिता लाने के लिए यह जरूरी कदम था।

महाराष्ट्र में ऐसा पहली बार नहीं हुआ-
इससे पहले साल 2016 में महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में सालों पुरानी परंपरा टूटी थी। यहां स्थित चबूतरे पर महिलाओं को भी पूजा करने  की इजाजत मिल गई। दरअसल, शुक्रवार को यहां करीब 100 पुरुषों ने जबरन पूजा की थी। वह एक-एक कर चबूतरे पर पहुंचे और उन्होंने शिला को नहलाया। पुरुषों का यह शिला पूजन महाराष्ट्र सरकार के आदेश के खिलाफ था। इस घटना के बाद मंदिर के ट्रस्ट ने फैसला लिया कि महिलाओं को भी इस चबूतरे पर पूजा करने की इजाजत होगी।

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