यूपी: एक्शन में ऐंटी रोमियो स्क्वॉड टीम, कई मनचले गिरफ्त में

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उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पद संभालने के 2 दिन बाद ही ‘ऐंटी रोमियो स्क्वॉड’ का गठन कर दिया। योगी सरकार का दावा है कि महिलाओं, खास तौर पर स्कूल-कॉलेज जाने वाली लड़कियों से छेड़खानी रोकने की दिशा में यह स्क्वॉड प्रभावशाली ढंग से काम करेगा।

राज्य का पहला ऐंटी रोमियो स्क्वॉड मंगलवार को मेरठ की सड़कों पर नजर आया। ऐसे कई स्क्वॉड पूरी ताकत के साथ सड़कों पर ऐक्शन में दिखे। मेरठ उन जिलों में से एक है, जहां शैक्षिक संस्थाओं और सार्वजनिक स्थलों पर ऐसी टीमों की शुरुआती तैनाती की गई है।

मिली जानकारी के अनुसार, लखीमपुर, गोंडा, मुरादाबाद जैसे कई शहरों की पुलिस ने कई शोहदों को पकड़ा है। गोंडा में बुधवार को पहले दिन पुलिस महिला कॉलेजों, अस्पतालों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर अभियान चला रही है। इस दौरान अलग-अलग क्षेत्रों से आधा दर्जन से अधिक मजनू पुलिस की गिरफ्त में आए हैं।

एस. पी. सुधीर कुमार सिंह के निर्देश पर सीओ भरत लाल यादव और महिला एस. ओ. संजू यादव के नेतृत्व में नगर क्षेत्र में अभियान शुरू कर दिया गया है। सबसे पहले पुलिस टीम ने महिला अस्पताल पर छापा मारा जहां चार संदिग्ध मजनुओं को दबोचा गया। पूछताछ में पता चला कि ये बिना किसी काम के यहां टहल रहे थे।

संसद में भी बयान देते हुए मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री और सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जल्द ही राज्य में ऐसे कदम उठाए जाएंगे जिससे महिलाओं की सुरक्षा पर लगा प्रश्नचिह्न समाप्त हो सके। संसद में अपने आखिरी भाषण में भी योगी ने अपने इरादे जाहिर कर दिए। योगी ने सदन के सामने कहा कि यूपी में अब बहुत चीजों की बंदी होने वाली है। योगी के इस बयान से अब ये कयास लगाए जाने लगे हैं कि यूपी में क्या बंद होने वाला है।

ऐक्शन में ऐंटी स्क्वॉड टीम
मेरठ जिले में हर पुलिस स्टेशन में एक एंटी रोमियो स्क्वॉड बना है, जिसमें तीन से चार सदस्य हैं। जिन इलाकों की आबादी ज्यादा है, वहां टीम या टीम सदस्यों की संख्या ज्यादा भी मुमकिन है। वहीं, लखनऊ में आईजी के ऑफिस से आदेश आया कि जोन के 11 जिलों में एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन किया जाए। मेरठ में ऐंटी रोमियो स्क्वॉड के गठन के पहले ही दिन स्कूलों, कॉलेजों, सिगरेट और पान की दुकानों और यहां तक कि पेस्ट्री के दुकानों पर मंडरा रहे लड़कों से ‘पूछताछ’ की गई। बाद में उनके घरवालों को बुलाकर उनकी ‘गतिविधियों’ की जानकारी देने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।

पहले समझाएगी पुलिस, नहीं मानें तो होगी कारवाई
किसी को वॉर्न करने के मतलब ये कतई नहीं होगा कि किसी का मुंह काला कर दिया जाए या उसको जलील किया जाए बल्कि पुलिस ऐसे लोगों को समझाएगी। यदि जरूरत पड़ी तो उनके परिजनों को भी बुलाया जाएगा। वैसे लड़कों को समझना चाहिए कि किसी का मजाक उड़ाने या छेड़छाड़ करने में मर्दानगी नहीं है।

500 पुलिस अफसर रखेंगे कड़ी नजर
बताते चलें कि बीजेपी के चुनावी वायदे के तहत पुलिस द्वारा एंटी रोमियो टीम की शुरूआत सबसे पहले लखनऊ जोन में की गई है। आईजी सतीश गणेश राज्य स्तर पर इसके मुखिया होंगे। शुरूआत में जोन के हर शहर के हर एक थाने को छेड़छाड़ के रोकथाम के काम में लगाया गया है। करीब 500 पुलिस अधिकारी सिर्फ इसी काम के लिए लगा दिए गए हैं।

सादी वर्दी में रहेंगी महिला पुलिसकर्मी
एंटी रोमियो टीम में ज्यादातर महिलाएं होगी। जो स्कूल, मॉल्स, पार्कों के पास सादी वर्दी में रहेंगी। किसी भी मनचले की हरकत को रोकने के लिए पहले खुद एक्शन लेंगी। यदि लड़कों की संख्या ज्यादा है, तो पास के थाने को सूचना देंगी। इसके बाद पुलिस बल तुरंत इस मामले में कार्यवाही करेगा। मामला गंभीर होने पर गुंडा एक्ट के तहत कार्यवाई होगी।

पटरी वाले भी करेंगे पुलिस की मदद
थाने में बीट कांस्टेबल अपने इलाके के सभी स्कूलों, इंस्टीट्यूट, मॉल्स की रिपोर्ट देगा, जहां पर लड़कियों को छेड़ने के लिए ज्यादातर लड़के मौजूद रहते हैं। बीट पुलिस की रिपोर्ट के बाद हर थाने के अंडर बनी एंटी रोमियो टीम सबसे पहले स्कूलो, पार्कों के आसपास मौजूद मनचलों पर कार्यवाही करेगी। आसपास मौजूद रेहड़ी, पटरी और छोटी दुकानदारों से भी मदद ली जाएगी।

पुलिस जारी करेगी हेल्पलाइन नंबर
पीड़ित लड़कियों के लिए पुलिस का एक विशेष हेल्पलाइन नम्बर चालू किया जाएगा. इस पर शिकायत करने पर पुलिस को 100 नंबर कॉल की तरह फौरन कार्यवाही करनी होगी। अभी शुरूआत मे मौजूदा हेल्पलाइन नंबर 1090 काम में लाया जायेगा। इसके बाद यदि जरूरत हुई तो पुलिस इसके लिए एक नया हेल्पलाइन नंबर भी शुरू करने की योजना में है।

बता दें कि राज्य में बीजेपी की सरकार बनते ही कई शहरों में चल अवैध बूचड़खानों पर स्थानीय प्रशासन ने अपने आप कार्रवाई आरंभ कर दी है। कई अवैध बूचड़खानों सील कर दिया गया है. यह भूचड़खाने अवैध तरीके से अब तक चल रहे थे। वाराणसी से  लेकर लखीमपुर खीरी, गाजियाबाद और मेरठ जैसे तमाम शहरों में अवैध बूचड़खानों पर प्रशासन का डंडा चल गया है।

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