Indian Stock Market: जानिए आज कैसा है मार्केट का हाल, किन शेयरों में आई गिरावट?

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भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) में मई 2025 के अंतिम सप्ताह में देखी गई गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। सेंसेक्स और निफ्टी जैसे प्रमुख सूचकांकों में लगातार उतार-चढ़ाव देखा गया, जिससे छोटे और मध्यम निवेशकों के सामने यह सवाल खड़ा हो गया है: क्या यह गिरावट आगे भी जारी रहेगी या यह एक नए निवेश अवसर की शुरुआत है?

हफ्ते के चौथे कारोबारी दिन सेंसेक्स करीब 30 अंक चढ़कर 81,350 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी करीब 10 अंक नीचे 24,750 के स्तर पर है। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 17 में तेजी और 13 में गिरावट है। जोमैटो, इंडसइंड बैंक और सनफार्मा के शेयर 1% ऊपर हैं। बजाज फाइनेंस, SBI, कोटक बैंक के शेयरों में करीब 1% की गिरावट है।

निफ्टी के 50 शेयरों में से 23 में तेजी और 27 में गिरावट है। NSE के IT, मेटल और फार्मा इंडेक्स में 1% की तेजी है। वहीं, FMCG, बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज में 0.5% की गिरावट है।

बता दें इससे पहले, शेयर बाजार में 28 मई को गिरावट रही। सेंसेक्स 239 अंक की गिरावट के साथ 81,312 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी करीब 73 अंक की गिरावट रही, ये 24,752 के स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 19 में गिरावट और 11 में तेजी रही।

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बाजार में गिरावट के प्रमुख कारण

  1. वैश्विक अनिश्चितताएं: अमेरिका और यूरोप की आर्थिक नीतियों में सख्ती, ब्याज दरों में संभावित वृद्धि और अमेरिकी डॉलर की मजबूती जैसे वैश्विक संकेत भारतीय बाजार पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं।

  2. FII की बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा भारी मात्रा में निकासी ने बाजार में दबाव पैदा किया है। मई 2025 में अब तक FIIs ने भारतीय इक्विटी बाजार से करीब ₹9,000 करोड़ से अधिक की पूंजी निकाली है।

  3. मुनाफावसूली का दौर: कई ब्लू चिप स्टॉक्स ने मार्च–अप्रैल में बेहतरीन रिटर्न दिए, जिसके बाद बड़े निवेशकों ने मुनाफा बुक करना शुरू कर दिया है।

  4. लोकसभा चुनाव 2024 के प्रभाव: चुनावी परिणामों के बाद नई सरकार के आर्थिक दृष्टिकोण को लेकर अनिश्चितता अभी भी बनी हुई है, जिससे निवेशक सतर्क हो गए हैं।

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क्या निवेशकों को घबराना चाहिए?
हालांकि बाजार में गिरावट निश्चित रूप से एक शॉर्ट टर्म रिस्क है, लेकिन दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह एक सुनहरा अवसर हो सकता है। कई मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों के शेयर अभी डिस्काउंट पर मिल रहे हैं। ऐसे समय में value investing और SIP के जरिए निवेश करना बेहतर रणनीति मानी जाती है।

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कौन से सेक्टर्स पर ध्यान दें?
IT और टेक्नोलॉजी:गिरावट के बावजूद इंफोसिस, TCS जैसी कंपनियों की लॉन्ग टर्म ग्रोथ स्थिर बनी हुई है।

ग्रीन एनर्जी और EV सेक्टर: भारत सरकार की पहलें और वैश्विक रुझान इस क्षेत्र को भविष्य के निवेश के लिए आकर्षक बनाते हैं।

बैंकिंग और फाइनेंस: रेगुलेटरी स्थिरता और डिजिटल इनोवेशन इस सेक्टर को आगे ले जाने में मदद कर सकते हैं।

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