राजस्थान प्राइवेट एजुकेशन महासंघ शाहपुरा ने सौंपा

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शाहपुरा-राजस्थान प्राइवेट एजुकेशन महासंघ ने 7 सूत्री मांगों को लेकर प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर लाल धाकड के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया। तथा कहा गया कि पूरे प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा कोरोना महामारी को लेकर पूर्व में अभिभावकों से 3 माह की फीस स्थगित को लेकर आदेशित किया गया था ।जिसके चलते निजी स्कूलों की आर्थिक स्थिति दयनीय है ।इस महामारी में सरकार द्वारा निजी स्कूलों की अनदेखी हुई है। जिसके कारण प्रदेश में कई स्कूले बंद होने के कगार में है साथ में निजी स्कूलों के संचालक आर्थिक बोझ के कारण आत्महत्या की राह ले रहे हैं 3 स्कूल संचालक ने आर्थिक स्थिति के कारण आत्महत्या भी कर ली है। अधिकांश स्कूल है न्यूनतम फीस लेकर शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार की मदद कर रही है, फीस स्थगन के कारण इन विद्यालय में आर्थिक संकट पैदा हो गया है, इसके जरिए ही लाईट, पानी ,भवन किराया, कर्मचारियों का वेतन अन्य सभी खर्च फीस के माध्यम से ही होती है। विद्यालय बंद होने के कारण विद्यालय संचालक व कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं ।

महासंघ निजी स्कूलों की समस्याओं के समाधान के लिए निम्न 7 सूत्री मांग रखते हैं(1) विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों के पूर्व में बकाया तीन माह की फीस जमा करने के आदेश की अनुशंसा पर समाचार पत्रों में प्रकाशित करें (2) सरकार द्वारा मुख्यमंत्री को आर्थिक मदद, उसमें से 75% की राशि निजी स्कूलों को आर्थिक सहयोग के रूप में दी जाए (3) नए सत्र में सरकार द्वारा स्पष्ट दिशानिर्देश में गाइड लाइन जारी करें जुलाई माह में ही कोरोनो महामारी की पालना करते हुए जुलाई से ही सत्र प्रारंभ किया जावे (4) निजी स्कूलों को आर्थिक पैकेज दिया जाए ताकि कर्मचारियों को समय पर वेतन दिया जा सके (5) मान्यता के नियमों को सरलीकरण किया जाए तीन लाख की एफडी एवं भूमि रूपांतरण भवन सुरक्षा प्रमाणपत्र पीडब्ल्यूडी से 5 वर्ष की अवधि एवं नक्शा पास की बाध्यता हटाया जाए तथा मान्यता प्राप्त स्कूलों की 1 लाख एफडी वह सेकेंडरी स्तर की तीन लाख एफडी को इस महामारी के दौरान स्कूलों को वापस किया जाए। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की मान्यता के नियमों को सरलीकरण किया जाए(7) जब सरकार निजी और सरकारी स्कूलों में समान नियमों को लागू करती है तो फिर सरकार और निजी विद्यालय में कैसा भेद भाव?

सरकारी स्कूलों द्वारा जब नियमों की अवहेलना होती है उस पर अंकुश नहीं और जब निजी विद्यालय में किसी प्रकार से अवहेलना हो जाती तो उनकी मान्यता निरस्त करने की धमकी स्कूल के संचालक को मुनाफाखोरी और आदि के शब्दों से संबोधित किया जाता है जबकि सरकार की निगाहों में निजी वह सरकारी स्कूल में समानता का अधिकार होना चाहिए आदि मांगों को लेकर महासंघ ने ज्ञापन सौंपा ज्ञापन के समय प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर लाल धाकड़, तहसील अध्यक्ष अविनाश शर्मा, संयोजक विनोद सनाढय, महा सचिव शिवप्रकाश रेगर, संगठन महामंत्री प्रकाश पाठक, प्रचार मंत्री शिवराज गुर्जर, महिला तहसील अध्यक्ष श्रीमती लीला शर्मा, नगर महामंत्री मथाई कुट्टी कई पदाधिकारी उपस्थित थे।

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