हरमनप्रीत के 20 चौकों और 7 छक्कों की बदौलत टीम पहुंची फाइनल में, ऐसे बनीं थी क्रिकेटर

भारतीय टीम ने दूसरी बार महिला वर्ल्‍डकप के फाइनल में स्‍थान बनाया है इससे पहले वह 2005 में फाइनल में पहुंची थी।

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नई दिल्ली: आईसीसी महिला वर्ल्‍डकप के सेमीफाइनल मुकाबले में छह बार की चैंपियन ऑस्‍ट्रेलिया को 36 रन से हराकर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर चुकी भारतीय महिला टीम का अगला मुकाबला इंग्लैंड टीम से 23 जुलाई को होना है। बता दें भारतीय टीम ने दूसरी बार महिला वर्ल्‍डकप के फाइनल में स्‍थान बनाया है इससे पहले वह 2005 में फाइनल में पहुंची थी। हरमनप्रीत की 20 चौकों और सात छक्‍कों से सजी शतकीय पारी की बदौलत भारतीय टीम ने निर्धारित 42 ओवर में चार विकेट पर 281 रन बनाए. जवाब में ऑस्‍ट्रेलिया टीम 40.1 ओवर में 245 रन बनाकर आउट हो गई।

सोशल मीडिया पर मिला दिग्गजों का सलाम:

टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट किया, गिलक्रिस्ट, सचिन, पोंटिग, धोनी please sit down। मैंने आज तक विश्व कप की जीतनी भी पारी देखी है यह सबसे बेहतरीन है। 

मास्टर ब्लास्टर  सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट किया, हरमनप्रीत की शानदार बल्लेबाजी। टीम को फाइनल के लिए ढेरों शुभकामनाएं।

बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था

28 साल की हरमन का जन्म 8 मार्च 1989 को मोगा में हुआ था। पिता हरमिंदर सिंह ने बताया की हरमन को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शोक था।
वह मेरे साथ ग्राउंड में जाती थी और वहां अकेली लड़की होती थी, जो लड़कों के साथ खेलती थी।
दसवीं की पढ़ाई के बाद हरमन मोगा के ज्ञान सागर स्कूल में पढऩे के लिए गई, जहां इसे सोढ़ी ने क्रिकेट की कोचिंग दी और यह पहली बार पंजाब की टीम में चुनी गई।
उसके बाद हरमन जालंधर के एचएमवी कॉलेज में पढऩे चली गई और वहां भी इसने क्रिकेट को अपना लक्ष्य बना लिया। उसके इस मुकाम में सबसे बड़ा योगदान उनके कोच कुलदीप सिंह सोढ़ी का है।
पैदा होते ही जिस टी-शर्ट को पहना उसी के कारण बनी क्रिकेटर
हरमन की माता सतविंदर कौर और हरमन की बहन हेमजीत कौर ने बताया कि हरमन को बचपन से खेल में हमेशा आगे रही है।
पिता एक अच्छा खिलाड़ी बनना चाहते थे, लेकिन वह नहीं बन सके, इसलिए जब उन्होंने देखा कि हरमन खेल में अच्छी है तो उन्होंने उसे कभी नहीं रोका।
मां ने बताया की जिस दिन हरमन का जन्म हुआ था तो उसको जो शर्ट पहनाई गई उस शर्ट के ऊपर गुड बेटिंग प्रिंट था।हम तो यही मानते है की शायद उस शर्ट का ही कोई कमाल हो, जिसने हरमन को यहां तक पहुंचाया।

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