6 अगस्त से श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुल जाएंगे काशी विश्वनाथ महादेव मंदिर के कपाट

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जंक्शन के गांधीनगर में निर्मित जिले के पहले काशी विश्वनाथ महादेव मंदिर से 5 अगस्त को निकाली जाएगी शोभायात्रा
हनुमानगढ़। करीब तीन साल पहले शुरू हुए जिले के पहले काशी विश्वनाथ महादेव मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। शहर की धार्मिक संस्था श्री नीलकंठ महादेव सेवा समिति की ओर से जनसहयोग से जंक्शन के गांधीनगर में रेलवे अण्डरपास के नजदीक ‘देवभूमिÓ में निर्मित करवाए गए काशी विश्वनाथ महादेव मंदिर की खासियत है कि इसमें शिवलिंग से लेकर गर्भगृह, सत्संग हॉल तक सबका गुणांक 9 है। 81 फीट ऊंचे मंदिर में 36 सीढिय़ां, 36 गुणा 36 का गर्भगृह, 54 गुणा 54 का सत्संग भवन व मंदिर के ऊपर 18 फीट का शिवलिंग बना हुआ है। अब तक मंदिर के निर्माण में करीब 3 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 6 अगस्त को होगा। इससे पहले शनिवार से मंदिर प्रांगण में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में धार्मिक कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में समिति संस्थापक-अध्यक्ष अश्वनी नारंग ने बताया कि 2018 में शिवरात्रि के पावन पर्व पर मंदिर की नींव रखी थी, आज वह कार्य पूर्ण हो चुका है। उन्होंने बताया कि काशी विश्वनाथ महादेव मंदिर श्रद्धालुओं के लिए शिवरात्रि के पावन मौके पर 6 अगस्त को सुबह सवा दस बजे खोल दिया जाएगा। इससे पहले 6 अगस्त को अल सुबह 4.30 बजे ब्रह्म मुहूर्त में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा होगी। उन्होंने बताया कि मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में शनिवार से 9 विद्वान पंडितों की ओर से पूजा-अर्चना की जाएगी। सुबह 8.15 बजे से 11.30 बजे तक पंचांग पूजन का कार्यक्रम होगा। इसके अलावा शनिवार से रोजाना सुबह 8.15 बजे से 11.30 बजे तक बेदी मण्डल पूजन एवं हवन होगा। शाम 6.30 बजे से रात्रि 8.30 बजे तक रोजाना आरती स्तुति वंदना होगी। 5 अगस्त को शोभायात्रा निकाली जाएगी। शोभायात्रा काशी विश्वनाथ महादेव मंदिर से शाम 4 बजे रवाना होगी जो शहर के मुख्य-मुख्य मार्गांे से होते हुए वापस मंदिर प्रांगण पहुंचकर सम्पन्न होगी। शोभायात्रा में कोरोना गाइड लाइन की पालना करते हुए अधिक भीड़ एकत्रित नहीं की जाएगी। उन्होंने मंदिर निर्माण में किसी न किसी प्रकार से सहयोग करने वाली संस्थाओं व दानदाताओं का आभार जताते हुए लोगों से अपील की कि शिवरात्रि के पावन पर्व पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मंदिर में आकर भगवान शंकर के दर्शन तथा जलाभिषेक करें। प्रेस वार्ता में समिति सचिव रतिराम शाक्य, संरक्षक महावीर प्रसाद शर्मा, चिमन मित्तल, नरेश बाघला, राजकुमार नागपाल, महेश लकेसर, विजय भूतना व सुरेश गुप्ता भी मौजूद थे।

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