बच्चों के लिए आई कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D, जानें कब लगेगा टीका और कैसा होगा असर

0
1090

नई दिल्ली: भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनी जायडस कैडिला (Zydus Cadila’s Vaccine) की कोरोना वैक्सीन जायकोव-डी (ZyCoV-D) को DGCI ने शुक्रवार को इमरजेंसी यूज के लिए अप्रूवल दे दिया है। ये दुनिया की पहली DNA बेस्ड वैक्सीन है। इसे 12 साल और उससे ज्यादा उम्र के बच्चों और बड़ों को लगाया जा सकेगा।

जाइडस कैडिला के मुताबिक, उसने भारत में अब तक 50 से ज्यादा सेंटर पर वैक्सीन के लिए सबसे बड़ा क्लिनिकल ट्रायल किया है। यह देश में उपलब्ध होने वाली चौथी और मंजूरी पाने वाली छटवी वैक्सीन है। अब तक भारत में सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और रूस की स्पुतनिक-V इस्तेमाल हो रही हैं। मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन को मंजूरी मिली है, लेकिन अभी ये भारत में उपलब्ध नहीं हैं।

तीन डोज वाली वैक्सीन
भारत में अभी लगाई जा रही तीनों वैक्सीन दो डोज वाली हैं। जॉनसन एंड जॉनसन और स्पुतनिक लाइट जैसी सिंगल डोज वैक्सीन भी हैं, जो आने वाले महीनों में भारत में आ सकती है, लेकिन जायकोव-डी वैक्सीन इन सभी से अलग है। इस वैक्सीन के तीन डोज लगाए जाएंगे।

फेज-1 और फेज-2 के ट्रायल के दौरान तीन डोज लगाने पर ये वैक्सीन ज्यादा समय तक इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग रखती है। हालांकि कैडिला इसके दो डोज की भी टेस्टिंग कर रही है। इससे जुड़े नतीजे भी जल्द आ सकते हैं।

हर डोज के बीच में 4 हफ्ते का अंतर
जायकोव-डी का दूसरा डोज पहले डोज के 28 दिन बाद लगाया जाएगा। वहीं, तीसरा डोज पहले डोज के 56 दिन बाद लगेगा। यानी, हर डोज में 4-4 हफ्ते का अंतर रहेगा। जायकोव-डी के तीसरे फेज के ट्रायल के लिए 28 हजार से ज्यादा लोगों को इनरोल किया गया है। इसमें 12 से 18 साल तक के बच्चे भी शामिल हैं।

कैडिला ने देशभर के 20 सेंटर्स पर तीसरे फेज के ट्रायल किए हैं। हर सेंटर पर 12 से 18 साल तक के 20-20 बच्चे भी ट्रायल का हिस्सा थे। ट्रायल में शामिल सेंटर्स की ओर से कहा गया है कि वैक्सीन के बच्चों पर कोई साइड इफेक्ट दिखाई नहीं दिए हैं। उम्मीद है कि जल्द ही देश में बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा।

निडिल फ्री होगी जायकोव-डी
जायकोव-डी एक निडिल फ्री वैक्सीन है। ये जेट इंजेक्टर से लगेगी। जेट इंजेक्टर का इस्तेमाल अमेरिका में सबसे ज्यादा होता है। इससे वैक्सीन को हाई प्रेशर से लोगों की स्किन में इंजेक्ट किया जाता है। वहीं, आमतौर पर जो निडिल इंजेक्शन यूज होते हैं, उनसे फ्लूड या दवा मसल्स में जाती है।

दर्द और इंफेक्शन फैलने का खतरा कम
निडिल फ्री वैक्सीन का सबसे पहला फायदा तो यही है कि इससे लगवाने वाले को दर्द कम होता है, क्योंकि ये आम इंजेक्शन की तरह मसल के अंदर नहीं जाती। दूसरा फायदा ये कि इससे इंफेक्शन फैलने का खतरा निडिल वाले इंजेक्शन की तुलना में काफी कम होता है। फार्मजेट, स्पिरिट इंटरनेशनल, वैलेरिटस होल्डिंग्स, इनजेक्स, एंटरीस फार्मा जैसी कंपनियां जेट इंजेक्टर बनाती हैं।

एक साल में 24 करोड़ डोज बनाने का दावा
जायडस कैडिला एक साल में 24 करोड़ डोज के उत्पादन की बात कह रही है। कंपनी की तैयारी ऐसी है कि अप्रूवल मिलने के कुछ ही दिन बाद ये बाजार में आ जाएगी। कंपनी हर महीने 2 करोड़ वैक्सीन का प्रोडक्शन करेगी। इसके साथ ही प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए दूसरे मैन्युफैक्चरर्स से भी बात चल रही है। कंपनी पहले महीने में करीब एक करोड़ डोज बनाएगी। इसके बाद अगले महीने से प्रोडक्शन को डबल कर दिया जाएगा।

ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now