Video: योगी आदित्यनाथ को काले झंडे दिखाना महंगा पड़ा, 12 छात्रों को जेल भेजा गया

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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को काले झंडे दिखाना 12 छात्रों को महंगा पड़ गया। दरअसल, बुधवार को मुख्यमंत्री लखनऊ यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में गए थे, जब उनके काफ़िले को छात्रों ने काले झंडे दिखाए। उन छात्रों को गिरफ़्तार कर लिया गया। 12 छात्रों में 2 छात्राएं भी शामिल थीं।

इन छात्रों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। स्थानीय अदालत ने सभी छात्रों की ज़मानत की अर्ज़ी नामंजूर कर दी है। लखनऊ पुलिस का आरोप है कि इन छात्रों ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा में सेंध लगाने का काम किया है।

हसनगंज पुलिस द्वारा अदालत में केस डायरी प्रस्तुत करने के बाद शुक्रवार को मजिस्ट्रेट अदालत ने छात्रों की जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने माना कि छात्रों का अपराध गंभीर प्रकृति का है, इसलिए जमानत नहीं दी जा सकती।

इस बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने मुख्यमंत्री का सुरक्षा चक्र तोड़ने तथा उन्हें काला झंडा दिखाने पर आठ छात्रों को निलंबित कर दिया। इनको विश्वविद्यालय द्वारा दी जाने वाले सुविधाओं से वंचित कर दिया है। विश्वविद्यालय के सूचना प्रकाशन और जनसंपर्क विभाग के निदेशक एनके पांडे के बयान के मुताबिक, निलंबित किए गए छात्रों में सतवंत सिंह, नितिन राज, पूजा शुक्ला, अनिल कुमार यादव, अंकित कुमार सिंह, राकेश कुमार, माधुर्य सिंह और अपूर्वा शर्मा शामिल हैं।

गौरतलब है कि सात जून को मुख्यमंत्री योगी को झंडा दिखाने वाले छात्र-छात्राओं ने दावा किया था कि वे समाजवादी छात्र सभा तथा अन्य छात्र संगठनों से ताल्लुक रखते हैं।

छात्रों पर लगी धाराएं

धारा 147: दंगा करना
धारा 341: ग़लत तरीके से रोकना
धारा 332: जान बूझकर जनता के सेवक को काम करने से रोकना
धारा 504: जानबूझकर अपमान जिसका मकसद शांति को भंग करना
धारा 506: आपराधिक धमकी
धारा 353: जनता के सेवक को उनके काम करने से रोकना

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