इंतजार खत्म, वायुसेना को मिला राफेल फाइटर जेट, जानिए क्यों है विमान भारत के लिए खास

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वायुसेना के साथ आज देश के लिए ऐतिहासिक दिन है। आज फ्रांस से वायुसेना को राफेल मिलेगा। इसके साथ भारतीय सेना और मजबूत होगी। वायुसेना के बेड़े में राफेल को शामिल कराने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ बोर्दू शहर के मैरीना एयरबेस पहुंचे हुए हैं।

इस दौरान राजनाथ सिंह राफेल का शस्त्र पूजन करेंगे। इस मौके पर राफेल के साथ भारत औऱ फ्रांस के बीच रक्षा डील को लेकर कई बड़े ऐलान भी हो सकते हैं। आज राजनाथ सिंह की शस्त्र पूजा से ही राफेल फाइटर जेट मिल जाएगा, लेकिन फ्रांस से हिंदुस्तान आने में अभी अगले साल मई तक का इंतजार करना पड़ेगा। राफेल विमान की पहली फोटो सामने आई है।

राफेल की खासियत-
1. फ्रांसीसी कंपनी दैसो एविएशन ने राफेल में ऐसा रडार सिस्टम दिया है, जो अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन के बनाए एफ-16 में भी नहीं है। एफ-16 का रडार सिस्टम 84 किमी के दायरे में 20 टारगेट को डिटेक्ट कर सकता है। रफाल का रडार सिस्टम 100 किमी के दायरे में एक बार में एकसाथ 40 टारगेट डिटेक्ट कर सकता है।

2. राफेल में खास बात यह है कि यह ज्यादा रेंज वाले हथियारों को भी ले जा सकता है। जैसे- यह मीटिअर मिसाइलों को कैरी कर सकता है, जो 150 किमी से ज्यादा दूरी पर भी हवा में मूव कर रहे टारगेट पर बेहद सटीक निशाना लगाने में सक्षम हैं। मीटिअर मिसाइलें जेट से लेकर छोटे मानव रहित विमानों के साथ-साथ क्रूज मिसाइलों को भी निशाना बना सकती हैं। इसी तरह राफेल विमान स्कैल्प मिसाइलों को भी ले जा सकता है। ये मिसाइलें करीब 300 किलोमीटर दूर जमीन पर स्थित किसी भी टारगेट को नष्ट कर सकती हैं। ये मिसाइलें विमान को जमीन से निशाना साध रहे हथियारों से भी सुरक्षित रखती हैं।

3. फेल का ह्यूमन मशीन इंटरफेस भी तकनीकी रूप से इसे अन्य विमानों से ज्यादा सक्षम बनाता है। यह फाइटर पायलट के लिए बेहद मददगार है। पायलट के लिए राफेल में लगे अलग-अलग तरह के सेंसर जंग के समय स्थिति को आसानी से और बेहतर तरीके से समझने में मददगार साबित होंगे। इससे निर्णय लेने में कम समय लगता है।

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