मध्य प्रदेश में उग्र होता जा रहा है किसानों का आंदोलन, विपक्ष का मिला साथ

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मध्य प्रदेश: राज्य में किसान 1 जून से 10 जून तक हड़ताल पर हैं। पहले ही दिन शाजापुर में 1 जून को किसानों ने आगरा-मुंबई रोड जाम कर दिया था। वे जब बाजार बंद कराने लगे तो पुलिस ने किसानों पर जमकर लाठी भांजी। 2 जून को धार में सरदारपुर बस स्टैंड के पास प्रदर्शनकारी किसान दुकानें बंद कराने लगे। इसके बाद व्यापारियों और किसानों में झड़प हुई 3 जून को इंदौर चोइथराम मंडी में भी किसान और कारोबारी भिड़े, गाड़ियों में आग लगाने की कोशिश हुई। पुलिस ने रोका तो पहले पथराव फिर लाठीचार्ज हुआ।

आंदोलन के चौथे दिन सीहोर-भोपाल-इंदौर मार्ग पर सोंडा के करीब प्रदर्शनकारियों ने ट्रकों से सब्जियां, फल लूट लिए, तहसीलदार की गाड़ी तोड़ डाली। फिर जमकर हंगामा और लाठीचार्ज हुआ। उधर मंदसौर में पिपलियामंडी में बैठक के बाद रविवार शाम को शहर में पहुंचे हड़ताली किसानों ने जमकर उत्पात मचाया। सैकड़ों दुपहिया वाहनों पर आए किसानों को देखकर पुलिस और प्रशासन हाथ बांधे खड़े रहे। हुड़दंगी किसानों ने फलों के ठेलों से फल फेंक दिए और कुछ लूटकर चले गए। बाद में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई।

हड़ताली किसान जीतू सिंह ने कहा कि किसी भी फसल के भाव नहीं हैं। सोयाबीन 2500-2600 रुपये क्विंटल बिक रहा है। प्याज 2-3 रुपये किलो बिक रहा है। आर्थिक रूप से हालत खराब है। प्रशासन ने लाठीचार्ज करवा दिया। हमारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन था। कई किसानों को चोट लगी है।

विपक्ष इस मौके पर किसानों के साथ खड़ा होने की बात कह रहा है। सरकार पहले सोई रही, अब किसानों की मदद का आश्वसान दे रही है, इस आरोप के साथ कि आंदोलन को हवा विपक्ष दे रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, मैं प्रदेश के किसानों से कहना चाहता हूं, आपकी हर समस्या का समाधान मैं करूंगा… लेकिन कुछ लोग इस आंदोलन में घुस कर जिसमें कांग्रेस के लोग भी शामिल है, वे गड़बड़ी पैदा करना चाहते हैं। किसानों की नाराजगी जनता पर भारी है। राज्य में कई जगहों पर दूध सड़कों पर बहाया जा रहा है। ऐसे में दूध की किल्लत हो रही है। सारी सब्जियां भी लगभग दोगुनी कीमत पर बिक रही हैं।

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