Video: रेगिस्तान की बाढ़ में बढ़ सकती है तकलीफ, जवाई बांध का गेट खोला

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जोधपुर: संभाग का सबसे बड़े जवाई बांध का एक गेट गुरुवार दोपहर खोल दिया गया। गेट को खोलते ही बांध से पानी निकल बह निकला। इसके साथ ही वहां बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने कर्तल ध्वनि के साथ इसका स्वागत किया। बांध की भराव क्षमता 61.20 फीट है। आज जल स्तर 59.65 फीट तक पहुंचते ही गेट नंबर चार को तीन इंच खोल दिया गया। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब इसके गेट को खोला गया है। पानी की आवक के आधार पर अन्य गेट को खोलने का निर्णय किया जाएगा।

मारवाड़ में चार दिन से हो रही झमाझम बारिश के कारण जवाई बांध में पानी की जोरदार आवक हुई है। महज चार दिन में ही इसका जल स्तर 41 फीट से बढ़कर 59 फीट से ऊपर पहुंच गया। इसका सहायक सेई बांध भी लबालब भरा है और उससे जवाई बांद में लगातार पानी आ रहा है।
– जवाई में साठ फीट तक पानी आने के बाद अमूमन गेट खोल दिए जाते है। गत वर्ष दस वर्ष के अंतराल के बाद पहली बार इसके गेट खोले गए थे। उस समय कई माह तक इससे पानी छोड़ा जाता रहा।
– आज दोपहर इसका जलस्तर 59.65 फीट तक पहुंचने पर अधिकारियों ने एक गेट खोलने का निर्णय किया। इसमें इस समय 6910 एमसीएफटी पानी उपलब्ध है।
– चार नंबर गेट खोलते ही पानी छलक कर बह निकला। इस अवसर की बेसब्री के साथ प्रतीक्षा कर रहे लोगों ने पानी का जोरदार जयकारों के साथ स्वागत किया।
– जवाई बांध से छोड़ा जाने वाला पानी जवाई नदी के जरिये जालोर जिले में बहता है। प्रशासन ने बहाव वाले क्षेत्रों में लोगों को सावधान रहने को कहा है। प्रशासन का मानना है कि अगर बाढ़ के चलते पानी और बढ़ा तो जन-जीवन खतरे में पड़ सकता है।  इस क्षेत्र में पानी बहने से कुओं का जलस्तर काफी बढ़ जाएगा। इस कारण लोग जवाई से पानी छोड़ने का इंतजार कर रहे थे।
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 ऐसा है जवाई बांध
– जवाई बांध जोधपुर संभाग का सबसे बड़ा बांध है। इसका निर्माण जोधपुर के महाराजा उम्मेदसिंह ने शहर के लोगों की पेयजल जरूरत पूरी करने को कराया था। बाद में जोधपुर को राजीव गांधी लिफ्ट नहर के जरिये हिमालय का पानी मिलना शुरू हो गया।
– अब इस बांध से पाली जिले में जलापूर्ति करने के साथ ही इसके निकट के क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाता है। करीब बीस लाख लोगों की पेयजल जरूरत इस बांध के जरिये पूरी होती है।

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