राजकीय पॉलिटेक्निक हनुमानगढ़ के छात्रों ने बनाया सोलर ऊर्जा से चलने वाला ई-रिक्शा

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– वायु प्रदूषण की रोकथाम व अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में अनूठा नवाचार
हनुमानगढ़।
 राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय हनुमानगढ़ के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के डिप्लोमा छात्रों ने सौर ऊर्जा से संचालित एक अभिनव ई-रिक्शा का निर्माण कर तकनीकी क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। इस प्रोजेक्ट का निर्माण मेजर प्रोजेक्ट के अंतर्गत किया गया, जो पूरी तरह से छात्रों द्वारा डिज़ाइन और तैयार किया गया है।
पर्यावरण संरक्षण और बढ़ते वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए इस प्रोजेक्ट को तैयार किया गया। इसका मार्गदर्शन प्रवक्ता राजेश कुमार पाटोदिया द्वारा किया गया। इस दौरान ओमप्रकाश एवं अन्य छात्रों ने ई-रिक्शा की तकनीकी विशेषताओं की जानकारी दी।
छात्रों द्वारा निर्मित इस ई-रिक्शा में 300 वॉट पीक क्षमता के सोलर पैनल, 48 वोल्ट 32 एम्पीयर आवर की बैटरी और 950 वॉट की ब्रशलेस डीसी मोटर का प्रयोग किया गया है। यह वाहन एक बार पूर्ण चार्ज होकर 35 से 40 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। इसे सौर ऊर्जा से कुछ घंटे में चार्ज किया जा सकता है, वहीं सर्दी और वर्षा के मौसम में इसे घरेलू बिजली आपूर्ति से भी चार्ज किया जा सकता है। इस तकनीक से पारंपरिक ई-रिक्शा की तुलना में 50% से 80% तक ऊर्जा की बचत संभव है। साथ ही इसकी लागत भी बाजार में मिलने वाले दूसरे इरिक्शा की तुलना 50 प्रतिशत कम आई है।
इलेक्ट्रिकल विभागाध्यक्ष नितिन कुमार जांगिड़ ने बताया कि यह परियोजना पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा-कुशल परिवहन समाधान की आवश्यकता को पूरा करने की दिशा में एक प्रभावी कदम है। यह नवाचार अक्षय ऊर्जा के प्रयोग द्वारा संधारणीय गतिशीलता को बढ़ावा देता है।
महाविद्यालय के प्रधानाचार्य रमेश कुमार धानक ने छात्रों की इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि यह ई-रिक्शा तकनीकी उत्कृष्टता और पर्यावरणीय समाधान का बेहतरीन उदाहरण है। छात्रों ने अपने ज्ञान, कौशल और समर्पण से एक ऐसा वाहन तैयार किया है जो आने वाले समय में स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में नई दिशा प्रदान कर सकता है।

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