जानिए क्यों बनाई विपक्ष के इन नेताओं ने अयोध्या राम मंदिर से दूरी, जमकर हो रही है आलोचना

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अयोध्या (Ayodhya Ram Mandir) में 22 जनवरी को होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में BJP के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी भी शामिल होंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने इसकी जानकारी दी है।  हमारे साथ व्हाट्सऐप पर जुड़ने के लिए क्लिक करें (We’re now on WhatsApp, Click to join)

विश्‍व हिंदू परिषद के अंतरराष्‍ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने 19 दिसंबर को लालकृष्‍ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का न्‍योता दिया था। आडवाणी और जोशी ने कहा है कि वे समारोह में आने का पूरी कोशिश करेंगे। इससे पहले खबरें आ रही थीं कि आडवाणी की तबीयत खराब रहती है, इसलिए वे कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।

विपक्ष के इन नेताओं ने अयोध्या राम मंदिर से बनाई दूरी

  1. राम मंदिर के निमंत्रण को लेकर कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक लेटर शेयर किया, जिसमें उद्घाटन में न जाने का कारण बताया गया है। इसमें कांग्रेस ने लिखा है कि धर्म निजी मामला है, लेकिन BJP/RSS ने मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम को अपना इवेंट बना लिया है।2. TMC प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैं उन उत्सवों में विश्वास करती हूं, जो सभी समुदायों के लोगों को साथ लेकर चलते हैं और एकता की बात करते हैं। भाजपा कार्यक्रम को अदालत के निर्देश पर कर रही है। नौटंकी के तौर पर यह कार्यक्रम लोकसभा चुनाव से पहले किया जा रहा है।’ TMC प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा- मुझे नहीं पता कि ममता को निमंत्रण आया या नहीं, लेकिन कार्यक्रम में उनके शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं उठता।

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3. CPI (M) के नेता सीताराम येचुरी ने 26 दिसंबर 2023 को ही राम मंदिर उद्घाटन समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि धर्म एक व्यक्तिगत पसंद से जुड़ा मामला है, दुर्भाग्यपूर्ण है कि BJP और RSS ने एक धार्मिक समारोह को सरकारी कार्यक्रम में बदल दिया है। जिसमें प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्य सरकारी पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं।

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4. सपा प्रमुख अखिलेश यादव को VHP नेता आलोक कुमार कार्यक्रम का निमंत्रण देने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा- ‘मैं अजनबी से ऐसा निमंत्रण स्वीकार नहीं कर सकता। मैं आलोक कुमार को नहीं जानता।’ उधर, सपा नेता डिंपल यादव ने कहा कि उन्हें निमंत्रण मिलेगा तो वह जरूर जाएंगी।

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5. रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण अभी तक शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे को नहीं मिला। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, वे अब नासिक के कालाराम मंदिर जाकर गोदावरी नदी के तट पर महाआरती में शामिल होंगे। उन्होंने पिछले साल सितंबर महीने में कहा था कि रामलला के कार्यक्रम में पूरे देश से भीड़ जुटेगी। ऐसे में एक बार फिर गोधरा जैसी घटना न हो जाए।

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6. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अभी तक कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केजरीवाल को कुछ दिन पहले एक पत्र मिला था जिसमें बताया गया था कि 22 जनवरी को वह अपना कोई कार्यक्रम निर्धारित न करें। वहीं, AAP प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा था- राम मंदिर को लेकर BJP धर्म की राजनीति कर रही है। इससे धर्म को नुकसान पहुंचता है।

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7. चर्चा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। इससे पहले तेजस्वी यादव भी एक आयोजन में पीएमोदी और राममंदिर की आलोचना कर चुके हैं। वहीं उन्होंने कहा, BJP धर्म की राजनीति कर रही है। राम किसी एक के नहीं है।

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